Hindi Newsबिहार न्यूज़10th 12th class children becoming victims of HIV Know reasons and preventive measures from doctor

10वीं-12वीं के बच्चे क्यों हो रहे एचआईवी के शिकार? डॉक्टर से जानिए कारण और बचाव के उपाए

हर साल एचआईवी ग्रसित किशोर मरीजों की संख्या बढ़ रही है। उनका कहना है कि पिछले दो सालों में किशोरों में तेजी से एचआईवी संक्रमण देखने को मिल रहा है।

Sudhir Kumar लाइव हिन्दुस्तान, मुजपफरपुरSun, 1 Dec 2024 10:28 AM
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बिहार में 10वीं और 12वीं के बच्चे एचआईवी की चपेट में आ रहे हैं। एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर स्थित एआरटी सेंटर में आने वाले बच्चों की रिपोर्ट से यह बात सामने आई है। 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चे इस बीमारी की चपेट में हैं। जिला संक्रामक रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सीके दास ने बताया कि जांच में बात सामने आ रही है कम उम्र के बच्चे ड्रग लेने के आदी हो रहे हैं। वे ड्रग लेने में सूई का इस्तेमाल कर रहे हैं। एक ही सूई से ड्रग लेने से भी यह बीमारी हो रही है। एचआईवी नियंत्रण के जिला समन्वयक जेपी सिंह का कहना है कि कम उम्र में एचआईवी के शिकार बच्चों में कई अच्छे घरों से हैं और असुरक्षित यौन संबंध के कारण एचआईवी के शिकार हो रहे हैं।

हर साल बढ़ रही किशोर मरीजों की संख्या

जिला समन्वयक का कहना है कि जिले में हर साल एचआईवी ग्रसित किशोर मरीजों की संख्या बढ़ रही है। उनका कहना है कि पिछले दो सालों में किशोरों में तेजी से एचआईवी संक्रमण देखने को मिल रहा है। सूत्रों ने बताया कि जिले में 30 किशोर का इलाज एआरटी सेंटर में चल रहा है। पिछले वर्ष यह संख्या लगभग 25 थी। डॉ सीके दास ने बताया कि एआरटी सेंटर में आने वाले मरीजों की काउंसिलिंग भी कराई जा रही है। काउंसिलिंग और प्रॉपर इलाज से मरीजों को फायदा भी हो रहा है। लेकिन जागरुकता सबसे बड़ा बचाव और इलाज है।

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एचआईवी से लड़ते हुए कर रहे जागरूक

जिला समन्वयक जेपी सिंह ने बताया कि कई मरीज ऐसे हैं जो एचआईवी से लड़ते हुए लोगों को जागरूक कर रहे हैं। कुढ़नी में ऐसे कई मरीज हैं। मीनापुर में कई मरीजों ने स्वयं सहायता समूह का गठन किया है और दूसरे मरीजों को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं। कई मरीज गांवों में समाजसेवा भी कर रहे हैं।

● कम उम्र में बीमारी के शिकार हुए बच्चों में कई अच्छे घरों के

● पिछले दो वर्षों में किशोरों में तेजी से एचआईवी संक्रमण बढ़ा

बीच में छोड़ दी दवा, बढ़ रहा वायरल लोड

एआरटी सेंटर में आने वाले कई मरीजों की जांच में उनका वायरल लोड बढ़ा हुआ मिल रहा है। लगभग 100 से अधिक मरीजों का वायरल लोड बढ़ा हुआ मिला है। जिले में अभी चार हजार से अधिक एचआईवी के मरीजों का इलाज एआरटी सेंटर से चल रहा है। वायरल लोड बढ़ने का कारण बीच में दवा छोड़ना और मरीजों की लापवारही है। वायरल लोड बढ़ने के बाद मरीजों की दवा बदलनी पड़ रही है।

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