शेयर गिरा, घाटा बढ़ा और अब छंटनी, ओला इलेक्ट्रिक के हजार कर्मचारियों की छुट्टी; जानिए इसके पीछे का चौंकाने वाला कारण
ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) ने अपने हजार कर्मचारियों की छुट्टी करने का फैसला किया है। इसके पहले कंपनी के शेयर में भारी गिरावट देखी गई थी। वहीं, अब छंटनी वाले फैसले से कंपनी में हड़कंप मच गया है। आइए इसके पीछे का चौंकाने वाला कारण जानते हैं।

भारत की प्रमुख इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माता कंपनी ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड (Ola Electric) ने अपने खर्चों को नियंत्रित करने और बढ़ते घाटे को कम करने के लिए 1,000 से अधिक कर्मचारियों और कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर वर्करों को नौकरी से निकालने का फैसला किया है। सूत्रों के अनुसार, यह छंटनी कई विभागों में की गई है, जिनमें खरीद, सप्लाई, कस्टूमर रिलेशन और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। आइए जरा विस्तार से इसकी डिटेल्स जानते हैं।
लगातार दूसरी बार छंटनी का फैसला
यह पिछले 5 महीनों में दूसरी बार है, जब ओला इलेक्ट्रिक Ola Electric ने छंटनी की है। बता दें कि कंपनी को सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प का सपोर्ट है, इसके बावजूद भी पिछले कुछ महीनों से कंपनी संकट का सामना कर रही है। हाल ही में कंपनी के दिसंबर तिमाही के घाटे में 50% की वृद्धि देखी गई, जिससे बाजार नियामकों और उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरणों (Central Consumer Protection Authority) ने भी उस पर नजर रखनी शुरू कर दी।
नवंबर 2023 में ओला इलेक्ट्रिक ने लगभग 500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था। मार्च 2024 के अंत तक कंपनी में लगभग 4000 कर्मचारी कार्यरत थे, जिनमें से इस बार 25% से अधिक को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
ऑटोमेशन और लागत कटौती की रणनीति
ओला इलेक्ट्रिक अब अपने कस्टूमर सर्विस ऑपरेशन को ऑटोमेशन करने पर जोर दे रही है, जिससे कंपनी के खर्चों में कमी लाई जा सके। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने अपने फ्रंट-एंड ऑपरेशन को रिकॉग्नाइज्ड एंड ऑटोमैटिक किया है, जिससे मुनाफे में सुधार, लागत में कटौती और कस्टूमर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने में मदद मिली है। साथ ही अनावश्यक पदों को हटाकर उत्पादकता बढ़ाई गई है।
इसके अलावा कंपनी अपने शोरूम और सर्विस सेंटरों में काम कर रहे सेल्स, सर्विस और वेयरहाउस स्टाफ की छंटनी भी कर रही है। इस छंटनी का मुख्य उद्देश्य लॉजिस्टिक्स और डिलीवरी रणनीति को पुनः व्यवस्थित करना है, जिससे ऑपरेटिंग कॉस्ट को कम किया जा सके।
शेयर बाजार में गिरावट और बाजार हिस्सेदारी में कमी
ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में अगस्त 2023 में आईपीओ (OLA IPO) की जबरदस्त शुरुआत के बाद से 60% तक की गिरावट आई है। कंपनी को पिछले कुछ सालों में कस्टूमर शिकायतों, सोशल मीडिया पर आलोचनाओं और बाजार हिस्सेदारी में गिरावट का सामना करना पड़ा है।
हाल ही में कंपनी ने भारतीय एक्सचेंजों को सूचित किया कि उसने फरवरी में 25,000 से अधिक स्कूटर बेचे हैं और बाजार में 28% की हिस्सेदारी हासिल की है। हालांकि, यह संख्या उस 50,000 यूनिट मासिक बिक्री लक्ष्य से काफी कम है। कुछ दिन पहले ओला इलेक्ट्रिक ने निवेशकों को बताया कि फरवरी में उसके वाहन रजिस्ट्रेशन में गिरावट आ सकती है, क्योंकि वह अपने दो प्रमुख विक्रेताओं के साथ लागत में कटौती और कार्यक्षमता सुधारने के लिए नए सिरे से बातचीत कर रही है।
ओला इलेक्ट्रिक को अब बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने और उपभोक्ताओं का भरोसा बनाए रखने की बड़ी चुनौती का सामना करना होगा। जहां एक ओर कंपनी ऑटोमेशन और लागत में कटौती के माध्यम से मुनाफा बढ़ाने का प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी ओर उसे ग्राहकों की संतुष्टि और सर्विस क्वॉलिटी में सुधार करने की भी जरूरत है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले महीनों में कंपनी अपने संकट से उबरने के लिए और कौन-से कदम उठाती है।
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