देश की नंबर-1 कंपनी के डीलर्स के पास बचा 60 दिनों की कारों स्टॉक, लोग छोटी कारों को कम खरीद रहे!
- मारुति सुजुकी के लिए पिछले 2 महीने से 'कभी खुशी कभी गम' का माहौल बना हुआ है। एक तरफ, जहां कंपनी को फेस्टिव सीजन के दौरान 14% की ईयरली ग्रोथ का अनुमान है।
मारुति सुजुकी के लिए पिछले 2 महीने से 'कभी खुशी कभी गम' का माहौल बना हुआ है। एक तरफ, जहां कंपनी को फेस्टिव सीजन के दौरान 14% की ईयरली ग्रोथ का अनुमान है। तो दूसरी तरफ, उसकी गाड़ियों के स्टॉक में 17% की गिरावट देखने को मिली है। कंपनी की छोटी कारों की सेल्स डाउन होने के कारण स्टॉक बढ़ता जा रहा है। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी ने त्योहारी सीजन में बिक्री बढ़ने से इसमें गिरावट आने का दावा किया है। उसने बताया कि इस महीने के आखिर तक छोटी कारों की इन्वेंट्री (स्टॉक) 40 से 45 दिनों तक आ सकता है। जबकि अन्य सेगमेंट में 30 दिनों का स्टॉक बनाए रखने की उम्मीद है।
ET प्राइम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में अधिकांश डीलर्स के पास 60 दिनों की औसत इन्वेंट्री है। हालांकि, बलेनो और मारुति सुजुकी ग्रैंड विटारा के लिए स्टॉक अधिक है, जो लगभग 90 दिनों का है। कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि स्टॉक में 17% की गिरावट दर्ज हुई है। सितंबर तिमाही में शुद्ध लाभ 3,069 करोड़ रुपए रहा है, जो पिछले साल की समान अवधि में 3,716.5 करोड़ रुपए था। कंपनी ने कहा कि सभी कैटेगरी में इन्वेंट्री स्तर को नीचे लाने के लिए समायोजन चल रहा है। कंपनी के मार्केटिंग और सेल्स प्रमुख पार्थो बनर्जी ने कहा कि 10 लाख रुपए से कम कीमत वाले सेगमेंट में गिरावट आई है।
सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स (SIAM) के आंकड़ों के अनुसार बाजार में 10 लाख रुपए कम कीमत वाले कारों की हिस्सेदारी 2018-19 में 80% थी। उस दौरान यात्री वाहनों की थोक बिक्री भारत में 33,77,436 इकाई थी। 10 लाख रुपए से कम के यात्री वाहनों की हिस्सेदारी अब बाजार में 50% से भी कम है। वित्त वर्ष 2023-24 में देश में यात्री वाहनों की थोक बिक्री 42,18,746 इकाइयों की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई थी। मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने बताया कि इस सेगमेंट का बाजार फिलहाल नहीं बढ़ रहा है। यह चिंता का कारण है। सच यह है कि ग्रोथ केवल महंगी कारों में हो रही है।
इन्वेंट्री कम करने पर फोकस
थोक बिक्री में गिरावट के बारे में भार्गव ने कहा कि पैसेंजर व्हीकल इंडस्ट्री का प्रदर्शन रिटेल सेल्स से निर्धारित होता है, थोक बिक्री से नहीं। त्योहारी सीजन में रिटेल सेल्स बिक्री से कहीं अधिक रही है। पिछले दो महीनों में हमारे सामने ऐसी स्थिति थी कि पूरे इंडस्ट्री के पास बहुत बड़ी मात्रा में इन्वेंट्री उपलब्ध थी। हमारे डीलरों के पास भी 30 दिनों से अधिक की इन्वेंट्री थी। हम इन्वेंट्री को कम करने के लिए बाजार की आवश्यकता के अनुरूप प्रोडक्शन में कटौती करने के लिए व्यवस्थित रूप से योजना बना रहे हैं। हमने थोक डिस्पैच कम कर दिया है ताकि इन्वेंट्री कम हो सके।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।