श्राद्ध से दीवाली तक... त्योहार में लोगों ने जमकर खरीदी इस कंपनी की कारें, 14% की ईयरली ग्रोथ मिली
- देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया को फेस्टिव सीजन के साथ ग्राहकों को जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला है। कंपनी ने बताया कि त्योहारी सीजन के दौरान उसकी पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट की रिटेल सेल्स काफी अच्छी रही है।
देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया को फेस्टिव सीजन के साथ ग्राहकों को जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला है। कंपनी ने बताया कि त्योहारी सीजन के दौरान उसकी पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट की रिटेल सेल्स काफी अच्छी रही है। ऑटोमेकर का अनुमान है कि साल-दर-साल आधार पर पीक फेस्टिवल अवधि में इसकी रिटेल सेल्स में 14% का इजाफा हुआ है। दरअसल, मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कंपनी की दूसरी तिमाही के नतीजों की घोषणा करने के बाद बताया कि फेस्टिव सीजन काफी अच्छा रहा है। हमें उम्मीद है कि श्राद्ध से लेकर दीवाली तक हमारी रिटेल सेल्स में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में लगभग 14% की वृद्धि होगी।
श्राद्ध से दीवाली तक फेस्टिव सीजन
भारत में त्योहारी सीजन आम तौर पर अगस्त के अंत या सितंबर की शुरुआत में केरल में गणेश चतुर्थी या ओणम से शुरू होता है। अधिकांश राज्यों में नवंबर में दीवाली के बाद भाई दूज तक चलता है। श्राद्ध के अंत से दिवाली तक की अवधि को पीक फेस्टिवल सीजन माना जाता है। इस साल श्राद्ध 2 अक्टूबर को समाप्त हो गया। वहीं, दीवाली 31 अक्टूबर की है। कार कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण समय भी है, क्योंकि इस दौरान उनकी ईयरली सेल्स का बड़ा हिस्सा इस समय आता है।
घरेलू थोक बिक्री में 3.9% घटी
भार्गव की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कंपनी ने अगस्त-सितंबर की अवधि के लिए अपने ऑपरेशंस प्रॉफिट में लगभग 8% की साल-दर-साल गिरावट दर्ज की है, जबकि कंपनी की थोक बिक्री या डीलरशिप को वाहन भेजने में गिरावट आई है। सितंबर में समाप्त तिमाही के दौरान मारुति सुजुकी की घरेलू थोक बिक्री में 3.9% की गिरावट आई और यह 4,63,834 यूनिट रही। खास बात ये भी है कि कंपनी को सस्ती कारों की बिक्री में गिरावट देखनी पड़ रही है।
इन्वेंट्री कम करने पर फोकस
थोक बिक्री में गिरावट के बारे में भार्गव ने कहा कि पैसेंजर व्हीकल इंडस्ट्री का प्रदर्शन रिटेल सेल्स से निर्धारित होता है, थोक बिक्री से नहीं। त्योहारी सीजन में रिटेल सेल्स बिक्री से कहीं अधिक रही है। पिछले दो महीनों में हमारे सामने ऐसी स्थिति थी कि पूरे इंडस्ट्री के पास बहुत बड़ी मात्रा में इन्वेंट्री उपलब्ध थी। हमारे डीलरों के पास भी 30 दिनों से अधिक की इन्वेंट्री थी। हम इन्वेंट्री को कम करने के लिए बाजार की आवश्यकता के अनुरूप प्रोडक्शन में कटौती करने के लिए व्यवस्थित रूप से योजना बना रहे हैं। हमने थोक डिस्पैच कम कर दिया है ताकि इन्वेंट्री कम हो सके।
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