मारुति कुछ कारों के बेस मॉडल में ही देगी 6 एयरबैग, काम भी कर दिया शुरू; सस्ते मॉडल में मिलेंगे सिर्फ 2 एयरबैग!
- कारों की सेफ्टी को लेकर सरकार ने कई फीचर्स को स्टैंडर्ड किया है। इसमें पार्किंग सेंसर, स्पीड अलर्ट, सीट बेल्ट अलर्ट, सभी पैसेंजर के लिए सीट बेल्ट शामिल हैं।
कारों की सेफ्टी को लेकर सरकार ने कई फीचर्स को स्टैंडर्ड किया है। इसमें पार्किंग सेंसर, स्पीड अलर्ट, सीट बेल्ट अलर्ट, सभी पैसेंजर के लिए सीट बेल्ट शामिल हैं। इस बीच मारुति सुजुकी इंडिया के MD और CEO हिसाशी टेकाउची ने कहा कि कंपनी पहले से ही कुछ मॉडलों में 6 एयरबैग को स्टैंडर्ड तौर पर पेश करने की दिशा में काम कर रही है। कंपनी भारतीय बाजार में पेश किए जाने वाले मॉडलों के लिए 6 एयरबैग को जारी रखेंगे। कंपनी अभी बलेनो, फ्रोंक्स, ब्रेजा और ग्रैंड विटारा जैसे मॉडल में 6 एयरबैग दे रही है, लेकिन ये सभी वैरिएंट में नहीं मिल रहे हैं।
मारुति अपनी फ्लैगशिप इनविक्टो और जिम्नी के सभी वैरिएंट में 6 एयरबैग स्टैंडर्ड तौर पर मिलते हैं। हालांकि, इन दोनों कारों में कंपनी सिर्फ जेटा और अल्फा वैरिएंट ही ऑफर करती है। जबकि कंपनी नेक्सा डीलरशिप पर बिकने वाले ज्यादातर मॉडल में सिग्मा, डेल्टा, जेटा और अल्फा ट्रिम ऑफर करती है। कंपनी न्यू जनरेशन स्विफ्ट में 6 एयरबैग स्टैंडर्ड तौर पर देगी। इसे 9 मई को लॉन्च किया जाएगा।
2022 में लागू होना था 6 एयरबैग का नियम
कारों के सभी वैरिएंट में पहले 6 एयरबैग का नियम लागू किया जाना था, लेकिन बीते साल केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि कारों के लिए 6 एयरबैग नियम को अनिवार्य नहीं किया जाएगा। देश में कई व्हीकल मैन्युफैक्चर्स पहले से ही 6 एयरबैग दे रही हैं। वे उन कारों का ऐड भी कर रही हैं। ऐसे में 6 एयरबैग अनिवार्य किए जाने की जरूरत नहीं है। 6 एयरबैग का नियम अक्टूबर, 2022 से अनिवार्य किया जाना था, लेकिन पहले इसे अक्टूबर, 2023 तक टाल दिया गया। बाद में इसे अनिवार्य करने से ही मना कर दिया।
मारुति की सस्ती कारों के लिए राहत रहेगी
जून 2022 में मारुति के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा था कि सरकार की 6 एयरबैग पॉलिसी का असर उसकी छोटी कारों पर पड़ेगा। ऐसे में कंपनी उन्हें बंद करने में संकोच नहीं करेगी। हर कार में 6 एयरबैग के नियम के चलते मारुति की सस्ती हैचबैक आम लोगों के बजट के बाहर चली जाएगी। उन्होंने कहा था कि 6 एयरबैग्स के नियम को लागू करने के फैसले से छोटी हैचबैक कारों की कीमतें तो बढ़ जाएंगे, लेकिन इससे रोड एक्सीडेंट के मुद्दे से निपटने में मदद नहीं मिलेगी। रोड एक्सीडेंट में मरने वाले लोगों को लेकर कुछ और सोचना होगा।
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