Hindi Newsधर्म न्यूज़Vijaya Ekadashi 2025 vishnu ji mantra to chant for prosperity and wealth

Vijaya Ekadashi 2025:विजया एकादशी के दिन करें इन मंत्रों का जाप, सुख-समृद्धि के आगमन की है मान्यता

  • Vijaya Ekadashi 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल 24 फरवरी 2025 को विजया एकादशी व्रत रखा जाएगा। यह दिन लक्ष्मी-नारायण की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। इस दिन विष्णुजी को प्रसन्न करने के लिए खास मंत्रों का जाप भी किया जाता है।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 21 Feb 2025 05:32 PM
share Share
Follow Us on
Vijaya Ekadashi 2025:विजया एकादशी के दिन करें इन मंत्रों का जाप, सुख-समृद्धि के आगमन की है मान्यता

Vijaya Ekadashi 2025: फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष को आने वाली एकादशी विजया एकादशी के नाम से जानी जाती है। यह दिन जगत के पालहार श्रीहरि विष्णुजी की पूजा-आराधना के लिए समर्पित मानी जाती है। धार्मिक मान्यता है कि विजया एकादशी का व्रत रखने से साधक को हर कार्य में विजयी मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, प्रभु श्रीराम ने भी रावण को युद्ध में पराजित करने के लिए विजया एकादशी का व्रत रखा था। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस साल 24 फरवरी 2025 को विजया एकादशी मनाई जाएगी। इस दिन लक्ष्मी-नारायण की पूजा के साथ उनकी कृपा पाने के लिए कुछ विशेष मंत्रों का जाप भी किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से श्री हरि प्रसन्न होते हैं और सुख-सौभाग्य का आशीर्वाद भी देते हैं। आइए जानते हैं विजया एकादशी की सही तिथि, पारण टाइमिंग और विष्णुजी के सरल मंत्र....

कब है विजया एकादशी ?

द्रिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 23 फरवरी 2025 को दोपहर 01 बजकर 55 मिनट पर होगी और अगले दिन 24 फरवरी 2025 को दोपहर 01 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, 24 फरवरी 2025 को विजया एकादशी मनाई जाएगी।

ये भी पढ़ें:Maha Shivratri 2025:महा शिवरात्रि पर करें ये 3 सरल उपाय

पारण टाइमिंग : 24 फरवरी 2025 को विजया एकादशी का व्रत रखने वाले जातक 25 फरवरी 2025 को द्वादशी तिथि में सुबह 06 बजकर 50 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 08 मिनट तक व्रत का पारण कर सकते हैं।

विजया एकादशी 2025: विष्णुजी के सरल मंत्र

1.ऊँ विष्णवे नमः

2.श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।

हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।

3. ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय

4.ऊँ नमो नारायणाय

5.ऊँ नारायणाय विद्महे।

वासुदेवाय धीमहि।।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें