Notification Icon
Hindi Newsधर्म न्यूज़when is jitiya vrat 2023 dont confuse know Jivitputrika Vrat vrat puja vidhi and timing of nahay khay and paran

Jitiya Vrat 2023 today: 6 अक्टूबर or 7 अक्टूबर निर्जला कब?, Paran जान लें

Jivitputrika Vrat 2023: जीवित्पुत्रिका व्रत करने से वंश वृद्धि का वरदान मिलता है। इस व्रत के प्रभाव से संतान पर कभी कोई विपदा नहीं आने की संभावना प्रबल होती है। मिथिला क्षेत्रीय पंचांग अनुसार 05 अक्ट

Anuradha Pandey लाइव हिंदुस्तान टीम, नई दिल्लीThu, 5 Oct 2023 11:47 PM
share Share

जितिया व्रत इस साल 6 अक्टूबर को रखा जाएगा, हालांकि उदया तिथि मानने वाले इसे 7 अक्टूबर को भी रख रहे हैं। दरअसल यह व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि मे किया जाता है। इससे पहले नहाय खाय एक दिन पहले यानी सप्तमी को किया जाता है। मिथिला क्षेत्रीय पंचांग अनुसार 05 अक्टूबर गुरुवार को सप्तमी तिथि दिन के 09 बजकर 08 मिनट उपरांत तक होगी, इसके बाद शुक्रवार को सप्तमी तिथि दिन के 09:35 तक रहेगी और उसके बाद अष्टमी तिथि शुरू होगी।

शुक्रवार को उदया तिथि न होने के कारण लोग अगले दिन शनिवार को भी जितिया व्रत रख रहे हैं। लेकिन शुक्रवार को अष्टमी तिथि  9.35 पर लग जाएगी और समापन 07 अक्टूबर, शनिवार को दिन के 10: 32 पर होगा। इसलिए पूरे दिन अष्टमी तिथि आपको शुक्रवार को मिलेगी, जिसमें पूजन और व्रत कथा होगी। माताएं अपनी संतान की रक्षा और कुशलता के लिए निर्जला व्रत करती हैं। व्रत नहाय खाय से एक दिन पहले शुरू हो जाता है और अगले दिन सूर्योदय पर पारण होता है।जितिया व्रत सप्तमी तिथि में व्रती नहाय खाय करती है।

Jitiya vrat 2023 nahay khay and Paran timing
 जीवित्पुत्रिका या जितिया 06 अक्टूबर, शुक्रवार
05 अक्टूबर को व्रती के लिए नहाय खाय -व्रती के लिए विशेष भोजन ओठगन रात्रि 03 :07 से 04 :23 तक उत्तम
06 अक्टूबर, शुक्रवार को निर्जला ब्रत
07 अक्टूबर शनिवार को दिन के 10 बजकर 32 मिनट उपरांत पारण 

Jitiya vrat 2023 puja Vidhi
इस दिन कई जगह शाम को गाय के गोबर से घर लीपा जाता है और फिर जीमूतवाहन की प्रतिमा बनाई जाती है और उसे मिट्टी के पात्र में रखा जाता है। इसके अलावा सियारिन की भी मूर्ति बनाई जाती है। इसके लिए महिलाएं मिट्टी खोदकर तालाब बनाती हैं। इसके पास पाकड़ या बरियार की डाल लाकर खड़ा कर शालिवाहन राजा के पुत्र धर्मात्मा जीमूतवाहन की कुशनिर्मित मूर्ति मिट्टी के पात्र मिट्टी के पात्र में स्थापित कर पीली रुई से अलंकृत करें। मिट्टी या गोबर से चिल्ली और सियारिन की मूर्ति बनाएं उस पर लाल सिन्दूर लगाएं और बांस के पत्तों से पूजा करें।

 

अगला लेखऐप पर पढ़ें