Shailputri Mata : नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा के साथ होगी घटस्थापना, जान लें शुभ मुहूर्त, माता रानी का भोग, रंग समेत सभी जानकारियां
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की विधिवत पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार, नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की उपासना व पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों को शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
maa shailputri puja ghatasthapana kalash sthapana : रविवार से शारदीय नवरात्र शुरू हो रहे हैं। शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा अर्चना नौ दिनों तक की जाएगी। शारदीय नवरात्र का महा उत्सव रविवार को कलश स्थापना के साथ शुरू हो जाएगा। इस वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 15 अक्टूबर से शुरू हो रही है। इसी तिथि से अगले 9 दिनों तक शक्ति की साधना और आराधना शुरू हो जाएगी। नवरात्र के पहले दिन शुभ मुहूर्त में कलश स्थापन करते हुए मां के पहले स्वरूप शैलपुत्री की पूजा होगी। इस बार देवी दुर्गा का पृथ्वी पर आगमन हाथी की सवारी के साथ होगा। माता के हाथी पर सवार होने का मतलब है सुख, शांति और संपन्नता का बढ़ना। शारदीय नवरात्र पर घटनास्थापना का शुभ मुहुर्त रविवार को प्रात: 6.30 बजे से 8.47 तक का है और अभिजित मुहुर्त 11.30 बजे से दोपहर 12.38 तक रहेगा। नवरात्र के 9 दिनों में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है और पूजा अर्चना के बाद माता दुर्गा के स्वरूप पर उनका प्रिय भोग व प्रिय फल अर्पित किया जात है।
पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा-
नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। हिमालय की पुत्री होने के कारण माता रानी को शैलपुत्री कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना करने से मान-सम्मान में वृद्धि व उत्तम सेहत प्राप्त होती है। मां शैलपुत्री को सफेद वस्त्र अतिप्रिय हैं। ऐसे में नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा को सफेद वस्त्र या सफेद पुष्प अर्पित करना चाहिए। इसके साथ ही सफेद बर्फी या मिठाई का भोग लगाना शुभ माना जाता है।
मां शैलपुत्री मंत्र-
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:।
मां शैलपुत्री भोग-
मां दुर्गा के शैलपुत्री रूप को गाय के घी और दूध से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से मां शैलपुत्री प्रसन्न होती हैं।
नवरात्रि के पहले दिन का शुभ रंग-
नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री की अराधना का दिन होता है। मां शैलपुत्री का पसंदीदा रंग लाल है।
शैलपुत्री मां की आरती-
शैलपुत्री मां बैल सवार। करें देवता जय जयकार।
शिव शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने न जानी।
पार्वती तू उमा कहलावे। जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू। दया करे धनवान करे तू।
सोमवार को शिव संग प्यारी। आरती जिसने उतारी।
उसकी सगरी आस जा दो। सगरे दुख तकलीफ मिला दो।
घी का सुंदर दीप जला के। गोला गरी का भोग लगा के।
श्रृद्धा भाव से मंत्र गाएं। प्रेम सहित शीश झुकाएं।
जय गिरिराज किशोरी अंबे। शिव मुख चंद चकोरी अंबे।
मनोकामना पूर्ण कर दो। भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।
वन्दे वांछितलाभाय, चंद्रार्धकृतशेखराम।
वृषारूढ़ां शूलधरां, शैलपुत्रीं यशस्विनीम।
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