धनु, मकर, कुंभ , मिथुन और तुला वालों के लिए शनिश्चरी अमावस्या का दिन महत्वपूर्ण, ये उपाय बदल देगा सोया हुआ भाग्य
आज भाद्रपद मास की अमावस्या है। शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है। इस दिन शनि देव की विधि- विधान से
आज भाद्रपद मास की अमावस्या है। शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है। इस दिन शनि देव की विधि- विधान से पूजा करने से शनि देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस समय धनु, मकर, कुंभ , मिथुन और तुला वालों पर शनि का अशुभ प्रभाव है। शनि देव के अशुभ प्रभावों से व्यक्ति को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। धनु, मकर, कुंभ , मिथुन और तुला वालों को आज के दिन शनि देव की विधि- विधान से पूजा- अर्चना करनी चाहिए। आइए जानते हैं शनिदेव की पूजा- विधि-
शनि देव पूजा- विधि...
- सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
- स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीपक प्रज्वलित करें।
- इस दिन शनि देव को तेल अर्पित करें।
- शनि देव को पुष्प अर्पित करें।
- शनि देव को भोग लगाएं।
- शनि देव की आरती करें।
- शनि चालीसा का पाठ करें।
- शनि देव के मंत्रों का जप करें।
इन बातों का रखें ध्यान-
शनि देव की आंखों में न देखें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि देव की आंखों में नहीं देखना चाहिए। शनि देव की पूजा करते समय हमेशा अपनी नजरें नीचे रखें। शनि देव से नजरें मिलाने से आप पर शनि देव की बुरी नजर पड़ सकती है।
एकदम सामने खड़े न रहें
शनिदेव की पूजा बिल्कुल उनकी प्रतिमा के सामने खड़े होकर नहीं करनी चाहिए। शनिदेव के सामने कढ़े होकर पूजा करने से अशुभ फल मिल सकता है।
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