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Navratri Panchang : आज इन शुभ मुहूर्तों में करें घटस्थापना, राहुकाल में न करें कलश स्थापना

शारदीय नवरात्र की शुरूआत रविवार से हो रही है। शारदीय नवरात्र 15 अक्टूबर से शुरु होकर 24 अक्टूबर तक रहेगा। भगवती का आगमन हाथी पर होगा, जो अच्छा संकेत है। हालांकि, भगवती का गमन मुर्गे से हो रहा है।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 15 Oct 2023 09:18 AM
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15 अक्तूबर, रविवार, 23, आश्विन (सौर) शक संवत् 1945, 29, आश्विन मास प्रविष्टे (पंजाब पंचांग) 2080,29, रबिउल्लावल सन् 1445, आश्विन शुक्ल प्रतिपदा (विक्रमी संवत्) रात्रि 12.33 मिनट तक पश्चात द्वितीया, चित्रा नक्षत्र सायं 06.12 मिनट तक तदनंतर स्वाती नक्षत्र, वैधृति योग प्रात 10.24 मिनट तक पश्चात विष्कुंभ योग, किस्तुघ्न करण, चंद्रमा तुला राशि में (दिन-रात)। सूर्य दक्षिणायन। शरद् ऋतु। सायं 04.30 मिनट से सायं 06 बजे तक राहुकालम्। आश्विन शुक्ल पक्ष प्रारंभ। शरद् नवरात्र प्रारंभ। घटस्थापन 10.24 मिनट के बाद। महाराजा अग्रसेन जयंती।

सूर्योदय- 06:22 ए एम
सूर्यास्त- 05:52 पी एम
चन्द्रोदय- 06:41 ए एम
चन्द्रास्त- 06:13 पी एम

आज के शुभ मुहूर्त-

  • ब्रह्म मुहूर्त- 04:42 ए एम से 05:32 ए एम
  • अभिजित मुहूर्त- 11:44 ए एम से 12:30 पी एम
  • विजय मुहूर्त- 02:02 पी एम से 02:48 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त- 05:52 पी एम से 06:17 पी एम
  • अमृत काल- 11:20 ए एम से 01:03 पी एम
  • निशिता मुहूर्त- 11:42 पी एम से 12:32 ए एम, अक्टूबर 16

Navratri : नवरात्रि का प्रथम दिन आज, मां शैलपुत्री की होगी पूजा, नोट कर लें घटस्थापना मुहूर्त से लेकर सभी जरूरी जानकारियां

आज के अशुभ मुहूर्त-

  • राहुकाल- 04:26 पी एम से 05:52 पी एम
  • यमगण्ड- 12:07 पी एम से 01:33 पी एम
  • आडल योग- 06:13 पी एम से 06:22 ए एम, अक्टूबर 16
  • दुर्मुहूर्त- 04:20 पी एम से 05:06 पी एम
  • गुलिक काल- 02:59 पी एम से 04:26 पी एम

कलश स्थापन मुहूर्त : कलश स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त मध्याह्न 11:36 मि० से 12:24 तक का समय है, धर्मशात्रीय मत के अनुसार चित्रा नक्षत्र में कलश स्थानपन प्रशस्त नहीं माना जाता है। इसलिए दिन में सायं 6 बजके 43 मि ० तक चित्रा नक्षत्र है। उसके बाद कलश स्थापना किया जा सकता है ऐसा करने से घर में सुख, शान्ति, धन, ऐश्वर्य की वृद्धि होती है एवं मां भगवती मनोकामना पूर्ण करती है । 20 अक्टूबर शुक्रवार को बिलवाभिमंत्रण,देवी बोधनं, आमंत्रण। 21 अक्टूबर शनिवार को पत्रिका प्रवेश, पूजन मूर्ति स्थापन के बाद पट खुलते ही भक्त देवी दर्शन कर सकेंगें और रात्रि में महानिशा पूजन की जाएगी।

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