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जितिया व्रत अष्टमी को, माताओं के लिए किया जाता है नवमी का श्राद्ध, पढ़ें इस सप्ताह के व्रत और त्योहार

Navami Shradh pitru Paksha 2023: मान्यता है इस दिन केवल महिलाओं का श्राद्ध, तर्पण किया जाता है। मातृ नवमी ऐसी तिथि है जिस दिन भूले बिसरी घर की महिला दिवंगत यानी दादी, नानी, मां आदि का श्राद्ध किया जा

Anuradha Pandey लाइव हिंदुस्तान टीम, नई दिल्लीTue, 3 Oct 2023 02:18 AM
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मान्यता है इस दिन केवल महिलाओं का श्राद्ध, तर्पण किया जाता है। मातृ नवमी ऐसी तिथि है जिस दिन भूले बिसरी घर की महिला दिवंगत यानी दादी, नानी, मां आदि का श्राद्ध किया जा सकता है। इसलिए यह तिथि बहुत खास है। इसके अलावा अष्टमी तिथि को महिलाएं अपनी संतान की सलामती के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन जीमूतवाहन की पूजा की जाती है। व्रत की महिमा के बारे में शिवजी ने पार्वती जी को बताया था, इसलिए इस व्रत में शंकर पार्वती की भी पूजा की जाती है।

03 अक्तूबर (मंगलवार) आश्विन कृष्ण पंचमी रात्रि 05.33 (सूर्योदय पूर्व) मिनट तक उपरांत षष्ठी, पंचमी का श्राद्ध।

04 अक्तूबर (बुधवार) आश्विन कृष्ण षष्ठी रात्रि 05.42 (सूर्योदय पूर्व) मिनट तक। षष्ठी का श्राद्ध। भद्रा रात्रि 05.42 (सूर्योदय पूर्व) मिनट से।

05 अक्तूबर (गुरुवार) आश्विन कृष्ण सप्तमी (दिन-रात)। सप्तमी का श्राद्ध। भद्रा सायं 06.09 मिनट तक।

06 अक्तूबर (शुक्रवार) आश्विन कृष्ण सप्तमी प्रात 06.36 मिनट तक पश्चात अष्टमी। अष्टमी का श्राद्ध। जीवित्पुत्रिका व्रत।

07 अक्तूबर (शनिवार) आश्विन कृष्ण अष्टमी प्रात 08.09 मिनट तक पश्चात नवमी। नवमी का श्राद्ध। सौभाग्यवतीनां श्राद्ध। मातृ नवमी।

08 अक्तूबर (रविवार) आश्विन कृष्ण नवमी प्रात 10.13 मिनट तक पश्चात दशमी। भद्रा रात्रि 11.25 मिनट से। दशमी का श्राद्ध।

09 अक्तूबर (सोमवार) आश्विन कृष्ण दशमी दोपहर 12.37 मिनट तक पश्चात एकादशी। भद्रा दोपहर 12.37 मिनट तक। एकादशी का श्राद्ध।

पं. ऋभुकांत गोस्वामी

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