आज शनिश्चरी अमावस्या पर संतान के लिए महिलाएं रखती हैं व्रत, करती हैं चौसठ योगिनी की पूजा
देश में छत्तीसगढ़, कर्नाटक और खासकर महाराष्ट्र में बेल पोला पर्व मनाते हैं। यह पर्व कुशोत्पटनी अमावस्या जो इस बार शनिवार के दिन लगने के कारण शनिश्चरी अमावस्या के दिन मानाया जा रहा है। पंचांग की मानें
देश में छत्तीसगढ़, कर्नाटक और खासकर महाराष्ट्र में बेल पोला पर्व मनाते हैं। यह पर्व कुशोत्पटनी अमावस्या जो इस बार शनिवार के दिन लगने के कारण शनिश्चरी अमावस्या के दिन मानाया जा रहा है। पंचांग की मानें तो यह पर्व पिठोरी अमावस्या के दिन मनाया जाता है। महाराष्ट्र में इसे पोला मराठी फेस्टिवल भी कहते हैं।
इस दिन किसान अपने पशुओं और हल की पूजा करते हैं, क्योंकि इन्ही से इनकी रोजी रोटी चलती है। इस दिन को मनाने के विविध मान्यताएं और परंपराएं हैं। इस दिन महाराष्ट्र में महिलाएं अपनी संतान के लिए व्रत रखती हैं। महाराष्ट्र में इस दिन संतान और पशुधन की सलामती के लिए चौसठ योगिनियों की पूजा की जाती है। यह व्रत 27 अगस्त को शुरू हो जाएगा। इसमें 27 अगस्त को कर सकते हैं। आपको बता दें कि आज के अमावस्या तिथि दोपहर 12 बजे शुरू होगी और 27 अगस्त को 1.46 तक रहेगी। इस दिन किसान और उनके पशु कोई काम नहीं करते।
इस दिन हल और बैलों को खूब सजाते हैं और अन्नदाता उनकी पूजा करते हैं। दरअसल एक किसान के लिए उसके बैल ही उसकी आजीविका का साधन होते हैं। इसके अलाव यह भी कहा जाता है कि इस खेती काम खत्म हो जाता है और अन्न माता गर्भधारण करती हैं, यानी दान के पौधों में इस दिन दूध भरता है।
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