Magashirsha amavasya 2022:बहुत खास है अगहन की अमावस्या, नोट कर लें पूजा का शुभ मुहूर्त
मार्गशीर्ष मास भगवान कृष्ण को समर्पित होता है। अगहन के इस पावन महीने में कृष्ण के बालगोपाल रूप की पूजा की जाती है। इस महीने में स्नान ौर दान का बहुत अधिक महत्व है। इस बार मार्गशीर्ष महीने की अमावस्या
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मार्गशीर्ष मास भगवान कृष्ण को समर्पित होता है। अगहन के इस पावन महीने में कृष्ण के बालगोपाल रूप की पूजा की जाती है। इस महीने में स्नान और दान का बहुत अधिक महत्व है। इस बार मार्गशीर्ष महीने की अमावस्या 25 तारीख को मनाई जाएगी। भगवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण स्वयं कहते हैं कि वे समस्त मासों में मार्गशीर्ष मास हैं। कहते हैं कि इस दिन पितरों को याद करने और उनका तर्पण करने से पितर प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा इस दिन दान-पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
आपको बता दें कि अमावस्या तिथि 23 तारीख को सूर्योदय के बाद शुरू हो रही है, लेकिन इसी दिन अमावस्या का स्नान और दान होगा, क्योंकि अगले दिन अमावस्या सुबह 4 बजे ही समाप्त हो जाएगी। 23 नवंबर को सुबह 06 बजकर 53 मिनट से अमावस्या तिथि शुरू होगी और 24 नवंबर 2022 को प्रात: 04 बजकर 26 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा।
ऐसी मान्यता है कि अगहन के इस महीने से ही सतयुग का आरंभ हुआ था। पितरों को तर्पण देने के अलावा इस दिन पितृदोष की मुक्ति के लिए भी उपाय किए जाते हैं। जिन लोगों के पितृदोष होता है, उन्हें इस दिन पितरों का तर्पण करना चाहिए और उनके नाम से खाना और कपड़े गरीबों में बंटवाने चाहिए। इस दिन भक्त भगवान कृष्ण की पूजा करने और सेवा करने से भगवान विष्णु का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलावा इस दिन जिन लोगों की कुण्डली में राहु नवम भाव में नीच का हो उन्हें इस अमावस्या का व्रत अवश्य करना चाहिए।
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