Hindi Newsधर्म न्यूज़Laxmi Pujan Timing 2022: Today Diwali will be at 08:16 pm the best time to worship Lakshmi know the method of worship

Laxmi Pujan Timing 2022: आज दिवाली पर रात 08:16 बजे तक रहेगा लक्ष्मी पूजन का सबसे उत्तम मुहूर्त, जानें पूजन विधि

Deepawali Ganesh Laxmi Puja Time 2022: दिवाली पर ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति के कारण शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है। यह संयोग कई राशि वालों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 24 Oct 2022 05:43 PM
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Diwali 2022 Laxmi Pujan Muhurat: दिवाली का त्योहार जीवन में खुशियां और नई उमंग लेकर आता है। दीपावली का पर्व मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अति शुभ माना गया है। हालांकि यह त्योहार अकेले नहीं आता है, इसे हिंदू धर्म में पंच पर्व के रूप में मनाया जाता है। सबसे पहले धनतेरस फिर नरक या रूप चतुर्दशी फिर दिवाली, उसके बाद गोवर्धन पूजा और फिर भाई दूज। दिवाली की रात को भगवान गणेश और मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, दिवाली के दिन शुभ मुहूर्त में गणेश-लक्ष्मी पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि व खुशहाली आती है। मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

जानें इस साल दिवाली पूजन का शुभ मुहूर्त-

दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन मुहूर्त शाम 06 बजकर 53 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। इसकी अवधि 01 घंटा 23 मिनट की है।

दिवाली लक्ष्मी मुहूर्त 2022-

प्रदोष काल - शाम 05 बजकर 43 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। जबकि वृषभ काल शाम 06 बजकर 53 मिनट से रात 08 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।

दिवाली 2022 शुभ मुहूर्त-

दिवाली हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। इस साल अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 27 मिनट से प्रारंभ होगी, जो कि 25 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी।

दिवाली के दिन बन रहे ये शुभ मुहूर्त-

अभिजित मुहूर्त-11:43 ए एम से 12:28 पी एम तक।
विजय मुहूर्त- 01:58 पी एम से 02:43 पी एम तक।
गोधूलि मुहूर्त- 05:43 पी एम से 06:08 पी एम तक। 
सायाह्न सन्ध्या- 05:43 पी एम से 06:59 पी एम तक।
अमृत काल- 08:40 ए एम से 10:16 ए एम तक।
निशिता मुहूर्त- 11:40 पी एम से 12:31 ए एम, अक्टूबर 25

मां लक्ष्मी-गणेश पूजन विधि-

सबसे पहले पूजा का संकल्प लें।
श्रीगणेश, लक्ष्मी, सरस्वती जी के साथ कुबेर जी के सामने एक-एक करके सामग्री अर्पित करें।
इसके बाद देवी-देवताओं के सामने घी के दीए प्रवज्जलित करें।
ऊं श्रीं श्रीं हूं नम: का 11 बार या एक माला का जाप करें।
एकाक्षी नारियल या 11 कमलगट्टे पूजा स्थल पर रखें।
श्री यंत्र की पूजा करें और उत्तर दिशा में प्रतिष्ठापित करें।
देवी सूक्तम का पाठ करें।
 

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