माघी सकट चौथ व्रत कृष्ण चतुर्थी के दिन मनाया जाता है। इसे तिलकुटा चौथ भी कहते हैं। ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि सकट चौथ पर सवार्थ सिद्धि, प्रीति और आयुष्मान योग बन रहा है। इस दिन स्त्रियां निर्जल व्रत रखती हैं। शाम को चन्द्रोदय के समय तिल, गुड़ आदि का अर्ध्य चंद्रमा को दिया जाता है। चंद्र देव की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन लखनऊ में चंद्रमा उदय रात 8:23 बजे होगा। इसके बाद ही व्रत का पारण किया जाएगा।सकट चौथ व्रत संतान की लंबी आयु के लिए किया जाता है।
चतुर्थी तिथि 10 जनवरी की दोपहर 9:34 से शुरू होकर 11 जनवरी को सुबह 11:23 बजे तक रहेगी। वैसे तो सकट चौथ के लिए उदया तिथि 11 जनवरी को प्राप्त हो रही है लेकिन संकष्टी चतुर्थी पर चंद्रमा की पूजा का खास विधान है। इसलिए सकट चौथ का व्रत मंगलवार को ही किया जाएगा। इस दिन संकट हरण गणपति भगवान का पूजन होता है। पूजा में दूर्वा, शमी पत्र, बेल पत्र, गुड़ और तिल के लडडू चढ़ाए जाते हैं। यह व्रत संतान के जीवन में विघ्न बाधाओं को दूर करता है। संकटों तथा दुखों को दूर करने वाला और रिद्धि सिद्धि देने वाला है।
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