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Shradh 10th Day: पितृपक्ष की दशमी पर इस उत्तम समय में करें श्राद्ध

  • Shradh 10th Day : 26 सितंबर, 2024 के दिन पितृपक्ष का दसवां दिन या दशमी श्राद्ध तिथि रहेगी। पितृपक्ष में श्राद्ध कर्म करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। जानें पितृपक्ष के दसवें दिन पितरों का श्राद्ध किस समय में करना शुभ रहेगा।

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 25 Sep 2024 04:24 PM
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Shradh 10th Day : पितरों को समर्पित पितृ पक्ष के दिन चल रहे हैं। सनातन धर्म में पितृ पक्ष का हर एक दिन महत्वपूर्ण माना जाता है। इन दिनों पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। श्राद्ध को सही तिथि व विधि के साथ करने का परंपरा चली आ रही है। कल, गुरुवार को पितृ पक्ष का दसवां दिन रहेगा। आइए जानते हैं पितृ पक्ष के दसवें दिन या दशमी तिथि पर श्राद्ध करने का टाइम-

पितृ पक्ष का दसवां दिन कल: 26 सितंबर, के दिन पितृ पक्ष का दसवां दिन या दशमी तिथि श्राद्ध रहेगा। पंचांग अनुसार, पितृपक्ष की दशमी पर इस उत्तम समय में करें श्राद्ध-

दशमी तिथि प्रारम्भ - सितम्बर 26, 2024 को दोपहर 12:25 बजे

दशमी तिथि समाप्त - सितम्बर 27, 2024 को दोपहर 1:20 बजे

कुतुप मूहूर्त - सुबह 11:48 बजे से दोपहर 12:36 मिनट तक

  • अवधि - 00 घण्टे 48 मिनट्स

रौहिण मूहूर्त - दोपहर 12:36 बजे से दोपहर 1:24 मिनट तक

  • अवधि - 00 घण्टे 48 मिनट्स

अपराह्न काल - दोपहर 1:24 बजे से दोपहर 3:48 मिनट तक

  • अवधि - 02 घण्टे 24 मिनट्स

 

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दशमी श्राद्ध कैसे करें?

सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाएं।

स्नानादि के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करें।

पितृस्थान को गाय के गोबर से लीप कर और गंगाजल से पवित्र करें।

महिलाएं स्नान करने के बाद पितरों के लिए सात्विक भोजन तैयार करें।

श्राद्ध भोज के लिए ब्राह्मणों को पहले से ही निमंत्रण दे दें।

ब्राह्मणों के आगमन के बाद उनसे पितरों की पूजा और तर्पण कराएं।

पितरों का नाम लेकर श्राद्ध करने का संकल्प लें।

जल में काला तिल मिलाकर पितरों को तर्पण दें।

पितरों के निमित्त अग्नि में गाय का दूध, घी, खीर और दही अर्पित करें।

चावल के पिंड बनाकर पितरों को अर्पित करें।

ब्राह्मण को पूरे सम्मान के साथ भोजन कराएं।

अपनी क्षमता के अनुसार दान-दक्षिणा दें।

इसके बाद आशीर्वाद लेकर उन्हें विदा करें।

श्राद्ध में पितरों के अलावा कौआ, गाय, कुत्ते और चींटी को भोजन खिलाने का विधान है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियां मान्यताओं पर आधारित हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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