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Navratri chaughadiya Muhurat: शारदीय नवरात्र पर ये दो राजयोग, इस समय न करें कलश स्थापना,जानें शुभ चौघड़िया मुहूर्त

  • shardiya navratri 2024 kalash sthapana timing आश्विन शुक्ल पक्ष की पहली तिथि प्रतिपदा के साथ गुरुवार से शारदीय नवरात्र शुरू होगा। इस बार नवरात्र में कई राजयोग बन रहे हैं।

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तानThu, 3 Oct 2024 06:18 AM
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आश्विन शुक्ल पक्ष की पहली तिथि प्रतिपदा के साथ गुरुवार से शारदीय नवरात्र शुरू होगा। इस बार नवरात्र में कई राजयोग बन रहे हैं। इनमें बुधादित्य और भद्र नाम के राजयोग में कलश स्थापना बहुत ही शुभफलदायी रहेगी। इस बार चतुर्थी तिथि की वृद्धि हो रही है और नवमी का क्षय हो रहा है, इसलिए कन्या पूजन 11 और 12 तारीख को किया जा सकता है। 12 अक्टूबर, शनिवार को दशहरा मनेगा। तिथि घटने बढ़ने से पूरे नौ दिन नवरात्र के मिल रहे हैं। 

आज पहली तिथि प्रतिपदा से नवमी तिथि तक माता के नौ स्वरूपों की पूजा और हवन के पश्चात दशमी तिथि 12 अक्तूबर को विजयादशमी मनायी जाएगी। प्रतिपदा पर कलश स्थापना शुभ चौघड़िया मुहूर्त में फलदायी रहेगी। प्रतिपदा तिथि का आरंभ सूर्योदय पूर्व से ही हो जाएगा । इस कारण से कलश स्थापना के लिए 3 अक्टूबर दिन बृहस्पतिवार उत्तम रहेगा। इस दिन हस्त नक्षत्र सूर्योदय से लेकर दिन में 3:17 तक व्याप्त रहेगा उसके उपरांत चित्रा नक्षत्र आरंभ हो जाएगा। हस्त नक्षत्र में कलश स्थापना कर लिया जाना श्रेष्ठ एवं शुभ फल प्रदायक होगा। अतः 3 अक्टूबर दिन बृहस्पतिवार को दिन में 3:17 तक किसी भी समय किया जा सकता है। 3 अक्टूबर को शुभ चौघड़िया सुबह 6:00 बजे से 7:30 तक, उसके बाद 10:30 बजे से लेकर 1:30 बजे तक प्राप्त होगा परंतु राहुकाल दिन में 1:30 से लेकर 3:00 बजे तक व्याप्त रहेगा। इस कारण से राहुकाल में कलश स्थापना किया जाना ठीक नहीं रहेगा। अतः इस दिन कलश स्थापना के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त सुबह 6:00 बजे से 7:30 बजे तक एवं 10:30 बजे से लेकर 1:30 तक किया जाना श्रेष्ठ एवं शुभप्रदायक होगा।

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शुभ चौघड़िया मुहूर्त

1. शुभ 5.42 बजे से 7.11 बजे तक

2. चर 10.09 बजे से 11.37 बजे तक

3. लाभ 11.37 बजे से 1.06 बजे तक

कब से कब तक कौन तिथि

● अमावस्या: दो अक्तूबर बुधवार की रात 11:05 बजे के बाद प्रतिपदा।

● प्रतिपदा: तीन अक्तूबर गुरुवार 11.06 से रात 1:11 बजे तक।

● द्वितीया: चार अक्टूबर शुक्रवार 1.11 से रात 3:10 बजे तक।

● हस्त नक्षत्र और ऐंद्र योग होने से शाम 5:03 बजे तक शारदीय नवरात्र कलश स्थापना शुभ है।

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

 

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