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putrada ekadashi 2024 कब है: पुत्रदा एकादशी, सावन एकादशी है बहुत खास, पारण , विष्णु जी की आरती, सब पढ़े

putrada ekadashi 2024 date and time पुत्रदा एकादशी साल में दो बार आती है। एक बार पौष मास में आती है और एक सावन माह में। पुत्रदा एकादशी सावन मास के शुक्ल पक्ष में आती है। ऐसा कहा जाता है कि इससे संतान की प्राप्ति होती है

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 15 Aug 2024 05:56 AM
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पुत्रदा एकादशी साल में दो बार आती है। एक बार पौष मास में आती है और एक सावन माह में। सावन महीने में आने वाली एकादशी बहुत खास मानी जाती है।  पुत्रदा एकादशी सावन मास के शुक्ल पक्ष में आती है। ऐसा कहा जाता है कि इससे संतान की प्राप्ति होती है और संतान से जुड़ी परेशानियां दूर हो जाती हैं। वैसे तो एकादशी 15 अगस्त को ही लग जाएगी, लेकिन उदया तिथि के कारण 16 अगस्त को एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इस साल एकादशी उदया तिथि के अनुसार 16 अगस्त को है। भगवान विष्णु ने इस व्रत का महत्व बताते हुए कहा है कि इस व्रत को करने से संतान की प्राप्ति होती है। इस व्रत करते हुए कुछ नियमों का भी पालन करना चाहिए। खासकर पुत्रदा एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए। इसके अलावा एकादशी व्रत का पूरा फल चाहिए, तो  दशमी तिथि से ही व्रत का पालन करें और  कोशिश करें कि दशमी तिथि को एक ही समय भोजन करें। इसके अलावा एकादशी व्रत के दिन कोशिश करें कि फलाहार करें?

क्यों खास है यह एकादशी

ऐसा कहा जाता है कि इस एकादशी का व्सरत करने सेे मन की चंचलता खत्म होती है और हार्मोंस और मनोरोग भी इससे समाप्त होती हैं। सावन की एकादशी खास मानी जाती है। इस दिन पतिपत्नी को एक साथ मिलकर भगवान कृष्ण और नारायण की पूजा करनी चाहिए।  सावन के महीने में एकादशी का व्रत होने के कारण इस दिन भगवान शंकर को भी बेलपत्र चढ़ाने चाहिए। 

आरती श्री जगदीशजी ॥

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे।

भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥

ॐ जय जगदीश हरे।

जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का।

स्वामी दुःख विनसे मन का।

सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥

ॐ जय जगदीश हरे।

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ मैं किसकी।

स्वामी शरण गहूँ मैं किसकी।

तुम बिन और न दूजा, आस करूँ जिसकी॥

ॐ जय जगदीश हरे।

तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।

स्वामी तुम अन्तर्यामी।

पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥

ॐ जय जगदीश हरे।

तुम करुणा के सागर, तुम पालन-कर्ता।

स्वामी तुम पालन-कर्ता।

मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥

ॐ जय जगदीश हरे।

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।

स्वामी सबके प्राणपति।

किस विधि मिलूँ दयामय, तुमको मैं कुमति॥

ॐ जय जगदीश हरे।

दीनबन्धु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।

स्वामी तुम ठाकुर मेरे।

अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥

ॐ जय जगदीश हरे।

विषय-विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।

स्वमी पाप हरो देवा।

श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, सन्तन की सेवा॥

ॐ जय जगदीश हरे।

श्री जगदीशजी की आरती, जो कोई नर गावे।

स्वामी जो कोई नर गावे।

कहत शिवानन्द स्वामी, सुख संपत्ति पावे॥

ॐ जय जगदीश हरे।

सावन पुत्रदा एकादशी 2024 मुहूर्त और पारण

सावन शुक्ल एकादशी ति​थि का प्रारंभ: 15 अगस्त, सुबह 10 बजकर 26 मिनट से

सावन शुक्ल एकादशी ति​थि का समापन: 16 अगस्त, सुबह 9 बजकर 39 मिनट पर

पूजा का मुहूर्त: 05:51 ए एम से 10:47 

सावन पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण: 17 अगस्त, सुबह 05:51 ए एम से 08:05 ए एम के बीच

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