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Pradosh: आज सुबह व शाम को इन मुहूर्त में करें भौम प्रदोष व्रत पूजा

  • Pradosh 2025 timing : इस महीने का आखिरी प्रदोष व्रत आज 25 फरवरी को है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भौम प्रदोष का व्रत रखने से संतान पाने की मनोकामना पूरी हो सकती है और संतान सुख भी मिलता है।

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 25 Feb 2025 08:14 AM
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Pradosh: आज सुबह व शाम को इन मुहूर्त में करें भौम प्रदोष व्रत पूजा

Pradosh 2025 Timing: आज भौम प्रदोष व्रत रखा जाएगा। भौम प्रदोष का व्रत त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है, जो भोलेनाथ को समर्पित है। फरवरी का ये दूसरा प्रदोष व्रत है, जो फाल्गुन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन आज रखा जाएगा। 12:47 पी एम से आज त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ होगी, जिसका समापन फरवरी 26, 2025 को 11:08 ए एम तक होगा। भौम प्रदोष व्रत रखने और महादेव की विधिवत उपासना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। आइए जानते हैं भौम प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त, सामग्री और पूजा-विधि-

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प्रदोष पूजा मुहूर्त - 06:18 पी एम से 08:49 पी एम

अवधि - 02 घण्टे 30 मिनट्स

ब्रह्म मुहूर्त 05:10 ए एम से 06:00 ए एम

प्रातः सन्ध्या 05:35 ए एम से 06:50 ए एम

अभिजित मुहूर्त 12:11 पी एम से 12:57 पी एम

विजय मुहूर्त 02:29 पी एम से 03:15 पी एम

गोधूलि मुहूर्त 06:16 पी एम से 06:41 पी एम

सायाह्न सन्ध्या 06:18 पी एम से 07:33 पी एम

अमृत काल 12:14 पी एम से 01:48 पी एम

निशिता मुहूर्त 12:09 ए एम, फरवरी 26 से 12:59 ए एम, फरवरी 26

त्रिपुष्कर योग 06:50 ए एम से 12:47 पी एम

आज सुबह व शाम को इन मुहूर्त में करें भौम प्रदोष व्रत पूजा

चर - सामान्य 09:42 ए एम से 11:08 ए एम

लाभ - उन्नति 11:08 ए एम से 12:34 पी एम

अमृत - सर्वोत्तम 12:34 पी एम से 02:00 पी एम

शुभ - उत्तम 03:26 पी एम से 04:52 पी एम

लाभ - उन्नति 07:52 पी एम से 09:26 पी एम

शुभ - उत्तम 11:00 पी एम से 12:34 ए एम, फरवरी 26

अमृत - सर्वोत्तम 12:34 ए एम से 02:08 ए एम, फरवरी 26

चर - सामान्य 02:08 ए एम से 03:42 ए एम, फरवरी 26

भौम प्रदोष पूजा-विधि

स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण कर लें। शिव परिवार सहित सभी देवी-देवताओं की विधिवत पूजा करें। अगर व्रत रखना है तो हाथ में पवित्र जल, फूल और अक्षत लेकर व्रत रखने का संकल्प लें। फिर संध्या के समय घर के मंदिर में गोधूलि बेला में दीपक जलाएं। फिर शिव मंदिर या घर में भगवान शिव का अभिषेक करें और शिव परिवार की विधिवत पूजा-अर्चना करें। अब भौम प्रदोष व्रत की कथा सुनें। फिर घी के दीपक से पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव की आरती करें। अंत में ॐ नमः शिवाय का मंत्र-जाप करें। अंत में क्षमा प्रार्थना भी करें।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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