Hindi Newsधर्म न्यूज़Pradosh: What to do and what not to do on Last Pradosh Vrat of February month

फरवरी माह का आखिरी प्रदोष व्रत इस दिन, जानें इस दिन क्या करें और क्या नहीं

  • Pradosh Vrat 2025 :फरवरी महीने का आखिरी प्रदोष का व्रत मंगलवार के दिन रखा जाएगा। इस प्रदोष व्रत पर कुछ चीजों को करने से भगवान शिव नराज हो सकते हैं और आर्थिक स्थिति भी प्रभावित हो सकती है।

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 12 Feb 2025 12:20 PM
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फरवरी माह का आखिरी प्रदोष व्रत इस दिन, जानें इस दिन क्या करें और क्या नहीं

Pradosh Vrat 2025, फरवरी माह का आखिरी प्रदोष व्रत इस दिन: फरवरी महीने का आखिरी प्रदोष का व्रत मंगलवार के पड़ रहा है। मंगलवार के दिन पड़ने के कारण इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। भगवान शिव को भौम प्रदोष का व्रत समर्पित है। इस दिन शिव पूजा करने से संतान-सुख की इच्छा पूर्ण होती है। भौम प्रदोष का व्रत रखने पर कुछ बातों का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं भौम प्रदोष व्रत के दिन किन कामों को करना शुभ व अशुभ माना जाता है-

जानें इस दिन क्या करें और क्या नहीं

क्या करें: भौम प्रदोष पर शिव परिवार की पूजा-अर्चना करने का विधान है। इस दिन व्रत रखने से संतान-सुख की मनोकामना पूर्ण हो सकती है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग का जलाभिषेक व रुद्राभिषेक कर सकते हैं।

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इस दिन क्या नहीं करना चाहिए?

तामसिक भोजन- फरवरी के आखिरी प्रदोष व्रत के दिन भूलकर भी मास आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन तामसिक भोजन का सेवन करने से भगवान शिव नराज हो सकते हैं।

टूटा चावल- फरवरी के आखिरी प्रदोष व्रत के दिन टूटे हुए चावल शिवलिंग पर बिल्कुल भी नहीं चढ़ाने चाहिए। मान्यता है इस दिन साफ-धुले हुए अक्षत के दाने ही पूजा में इस्तमल करने चाहिए।

काले वस्त्र- धर्मिक मान्यताओं के अनुसार, किसी भी शुभ अवसर या फिर पूजा-पाठ के दौरान काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। इसलिए फरवरी के आखिरी प्रदोष व्रत के दिन काले रंग के कपड़े पहनने से बचें। भगवान शिव की असीम कृपा पाने के लिए इस दिन सफेद, हरे या पीले रंग के वस्त्र धारण करना अत्यंत शुभ रहेगा।

तुलसी की पत्तियां- तुलसी की पत्तियां भगवान शिव को नहीं चढ़ानी चाहिए। तुलसी जी को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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