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Pitru Paksha Dates 2024: प्रतिपदा श्राद्ध से सर्वपितृ अमावस्या तक, पंडित जी से जानें श्राद्ध की महत्वपूर्ण तिथियां

  • Pitru Paksha start to end date 2024: पितृ पक्ष में पितरों का दान, तर्पण व श्राद्ध कर्म किया जाता है। मान्यता है कि इस अवधि में श्राद्ध कर्म करने से पितर प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं। जानें इस साल पितृ पक्ष में श्राद्ध की तिथियां-

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तानMon, 9 Sep 2024 07:35 AM
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Pitru Paksha Kab se Kab Tak Hai: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। हर वर्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा के ठीक अगले दिन से आश्विन मास प्रारंभ होता है। आश्विन मास में 15 दिन पितरों के होते हैं। मान्यता है कि पितृ पक्ष में पितर पृथ्वी लोक पर आते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं। पंडित दिवाकर त्रिपाठी के अनुसार, इस साल 17 सितंबर 2024 को स्नान-दान की पूर्णिमा मनाई जाएगी। इसके अगले दिन यानी 18 सितंबर से पितृ पक्ष प्रारंभ हो जाएगा, जो कि 2 अक्टूबर तक रहेंगे। जानें इस साल पितृ पक्ष में श्राद्ध की तिथियां व इसका महत्व-

पित पृक्ष 2024 श्राद्ध तिथियां-

17 सितंबर 2024, मंगलवार- पूर्णिमा श्राद्ध

18 सितंबर 2024, बुधवार- प्रतिपदा श्राद्ध

19 सितंबर 2024, गुरुवार- द्वितीया श्राद्ध

20 सितंबर 2024, शुक्रवार तृतीया श्राद्ध

21 सितंबर 2024, शनिवार- चतुर्थी श्राद्ध

21 सितंबर 2024, शनिवार महा भरणी श्राद्ध

22 सितंबर 2014, रविवार- पंचमी श्राद्ध

23 सितंबर 2024, सोमवार- षष्ठी श्राद्ध

23 सितंबर 2024, सोमवार- सप्तमी श्राद्ध

24 सितंबर 2024, मंगलवार- अष्टमी श्राद्ध

25 सितंबर 2024, बुधवार- नवमी श्राद्ध

26 सितंबर 2024, गुरुवार- दशमी श्राद्ध

27 सितंबर 2024, शुक्रवार- एकादशी श्राद्ध

29 सितंबर 2024, रविवार- द्वादशी श्राद्ध

29 सितंबर 2024, रविवार- माघ श्रद्धा

30 सितंबर 2024, सोमवार- त्रयोदशी श्राद्ध

1 अक्टूबर 2024, मंगलवार- चतुर्दशी श्राद्ध

2 अक्टूबर 2024, बुधवार- सर्वपितृ अमावस्या

प्रतिपदा तिथि का महत्व- प्रतिपदा श्राद्ध परिवार के उन मृतक सदस्यों के लिए किया जाता है, जिनकी मृत्यु प्रतिपदा तिथि पर हुई हो। पितृपक्ष में प्रतिपदा तिथि को नाना-नानी का श्राद्ध करने के लिए उपयुक्त माना गया है। प्रतिपदा तिथि को पड़वा श्राद्ध भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस श्राद्ध को करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

पितृ पक्ष का महत्व- हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष में पितर संबंधित कार्यों को करने से जीवन में खुशियों का आगमन होता है। पितरों के आशीर्वाद से जीवन में संपन्नता आती है। पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। पितृ पक्ष के 15 दिनों की अवधि में तर्पण, श्राद्ध कर्म करने से पितर प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों को आशीष प्रदान करते हैं।

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