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Hindi Newsधर्म न्यूज़Nag Panchami 2024 Today nagchandreshwar doors opens only on nag panchami and for 30 minute know all about this temple

क्यों सिर्फ नागपंचमी के दिन खुलता है नागचंद्रेश्वर मंदिर?

  • Nag Panchami 2024 :मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में भगवान ओंकारेश्वर मंदिर में एक अति प्राचीन नाग मंदिर है, जिसके कपाट साल में सिर्फ 1 बार मात्र आधे घंटे के लिए नाग पंचमी के दिन खोले जाते हैं।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तानFri, 9 Aug 2024 05:24 PM
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मध्य प्रदेश के खंडवा जिले की धार्मिक तीर्थ नगरी स्थित भगवान ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर मंदिर परिसर में एक प्राचीन नाग मंदिर है, जो वर्ष में सिर्फ एक बार नाग पंचमी पर ही खोला जाता है । मिली जानकारी के अनुसार इस प्राचीन नाग चंद्रेश्वर महादेव के पट वर्ष में एक बार खुलने पर यहां राज परिवार के सदस्य पूजन दर्शन के लिए पहुंचते हैं । यही नहीं, इस दौरान मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में भक्त भी मौजूद रहते हैं, जो दूर दराज के क्षेत्रों सहित तीर्थ नगरी से भी नाग पंचमी पर यहां दर्शन करने पहुंचते हैं ।

तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर स्थित ज्योतिर्लिंग भगवान ओंकारेश्वर मंदिर के गर्भ ग्रह के निकट ही अनादि काल से पाषाण की एक नाग प्रतिमा विराजित है, जिसका शुक्ल पक्ष नाग पंचमी पर वर्ष में एक बार पूजन होता है । वैदिक ब्राह्मणों के द्वारा यह पूजन कराया जाता है । यहां राज परिवार के द्वारा प्रथम पूजन किया जाता है, जिसके पश्चात भक्तों के लिए केवल आधे घंटे के लिए यहां के पट खुलते हैं, और दोपहर के समय पूजन किया जाता है । यहां नाग देवता का दूध पंचामृत से पूजन किया जाता है । मान्यता है यहां अति प्राचीन नाग देवता विराजते हैं, जिनकी पूजा का बड़ा महत्व है । और वर्ष में एक बार मात्र आधे घंटे के लिए मध्यान पूजा के दौरान नाग देवता के इस मंदिर में पूजन किया जाता है ।

राज परिवार द्वारा पूजा करने पर ही होता है महत्व

वही मंदिर ट्रस्ट के प्रबंध ट्रस्टी राव देवेंद्र सिंह जंग बहादुर ने बताया कि, नाग देवता का नाग पंचमी पर, श्रावण मास में साल में एक ही बार यहां पूजा होती है । और यह सनातन समय से चली आ रही है । जब से भगवान भोलेनाथ की पूजा चली आ रही है । उस समय से नाग देवता की पूजा होती है, और इसे राज परिवार द्वारा किया जाता है, तो ही इसका महत्व माना जाता है ।

नागशिला का होता है पंचामृत पूजन अभिषेक

इधर इन पूजा को संपन्न कराने वाले पंडित रामचंद्र परसाई ने बताया कि श्रावण मास की पंचमी, नाग पंचमी के रूप में विशेष रूप से मानी जाती है । वर्ष में एक बार यहां ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर परिसर में जो घंटा नाद होता है, यहां पर गरुड़ का । उसके नीचे एक नागशिला प्राचीन रूप से बनी हुई है, जहां पर वर्ष में एक बार, राज परिवार एवं राजपुरोहित द्वारा भगवान नागशिला का पंचामृत पूजन अभिषेक होता है, और उसका सभी श्रद्धालु दर्शन करते हैं ।

 

सोर्स-खंडवा,निशात मोहम्मद सिद्दीकी

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