Nag Panchami : नाग पंचमी पर कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए करें ये खास उपाय, इन बातों का रखें ध्यान
- प्रत्येक वर्ष श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा करना शुभ फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि नाग पंचमी पर नागदेवता की पूजा करने से तमाम कष्ट व कालसर्प दोष भी दूर हो जाता है
प्रत्येक वर्ष श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा करना शुभ फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि नाग पंचमी पर नागदेवता की पूजा करने से तमाम कष्ट व कालसर्प दोष भी दूर हो जाता है। इस बार नाग पंचमी नौ अगस्त को है।
ज्योतिषचार्या रुचि कपूर के अनुसार नाग पंचमी सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि नौ अगस्त दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी। उदयातिथि की मान्यता के अनुसार, नाग पंचमी 9 अगस्त को है। पंचाग के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी 09 अगस्त (8 अगस्त की रात) को देर रात 12:36 बजे शुरू होगी और 10 अगस्त को देर रात 03:14 बजे समाप्त होगी। इसलिए 09 अगस्त को नाग पंचमी मनाई जाएगी। नाग पंचमी की पूजा में नीम, खीरा, नींबू, दही और चावल को मिलाकर एक विशेष पकवान बनाकर नागदेवता और कुल देवी देवता को अर्पण कर सकते हैं। वहीं कालसर्प दोष होने पर नाग पंचमी के दिन भगवान शिव का पूजन करें और महामृत्युंजय का जाप जरूर करें। गंगाजल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। किसी पवित्र नदी में चांदी या तांबे से बना नाग-नागिन का जोड़ा भी प्रवाहित कर सकते हैं या फिर शिवलिंग पर भी अर्पित कर सकते हैं।
नागदेवता की पूजा के दौरान इस बात का रखें ध्यान-
नागदेवता की पूजा के दौरान हल्दी का खास तौर पर इस्तेमाल करना चाहिए। धूप, बत्ती और पूजन साम्रगी अर्पित करने के बाद नाग देवता को मिठाई का भोग लगाना चाहिए।
भूलकर भी न करें ये काम-
मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन जमीन की खुदाई करना अशुभ माना गया है। इसके अलावा नागपंचमी के दिन धरती पर हल भी नहीं चलाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन सुई में धागा भी नहीं डालना चाहिए। वहीं इस दिन आग पर तवा और लोहे की कढ़ाही चढ़ाना भी अशुभ माना गया है।
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