Maha Shivratri: महाकुंभ के आखिरी दिन महाशिवरात्रि पर बन रहा शिव योग, जानें महत्व
- Maha Kumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ के आखिरी दिन महाशिवरात्रि पर कई शुभ योग बन रहे हैं। जानें महाशिवरात्रि पर बनने वाले शुभ योग व मुहूर्त-
Maha Shivratri, Maha Kumbh 2025: महाकुंभ को दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जा रहा है। प्रयागराज में महाकुंभ मेले की शुरुआत पौष पूर्णिमा यानी 13 जनवरी से हुई थी और इसका समापन महाशिवरात्रि के दिन यानी 26 फरवरी 2025 को होगा। इस साल महाशिवरात्रि पर शिव योग व श्रवण नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है। महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव को समर्पित है और इस दिन शिव योग होने से इस दिन का महत्व और बढ़ रहा है। महाशिवरात्रि के दिन महाकुंभ का आखिरी शाही स्नान भी किया जाएगा। जानें महाकुंभ के आखिरी दिन महाशिवरात्रि पर बनने वाले शुभ मुहूर्त व राहुकाल-
शिव योग कब तक रहेगा: महाशिवरात्रि के दिन शिव योग पूरे दिन रहेगा। द्रिक पंचांग के अनुसार, शिव योग 27 फरवरी 2025 को रात 11 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगा। श्रवण नक्षत्र शाम 05:23 तक रहेगा और इसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र लगेगा।
शिव योग का महत्व: ज्योतिष शास्त्र में शिव योग को कार्यों के लिए शुभ माना गया है। मान्यता है कि इस योग में किए गए कार्य पूर्ण होते हैं।
महाशिवरात्रि पर बन रहे ये शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त- 05:09 ए एम से 05:59 ए एम
प्रातः सन्ध्या- 05:34 ए एम से 06:49 ए एम
विजय मुहूर्त- 02:29 पी एम से 03:15 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 06:17 पी एम से 06:42 पी एम
सायाह्न सन्ध्या- 06:19 पी एम से 07:34 पी एम
अमृत काल- 07:28 ए एम से 09:00 ए एम
महाशिवरात्रि के दिन राहुकाल का समय: ज्योतिष शास्त्र में राहुकाल को अशुभ समय माना जाता है। मान्यता है कि इस दौरान शुभ कार्यों को नहीं करना चाहिए महाशिवरात्रि के दिन राहुकाल दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से दोपहर 02 बजे तक रहेगा।
कुंभ मेला कितने प्रकार के होते हैं: कुंभ मेला चार प्रकार के होते हैं, जिनका आयोजन चार अलग-अलग तीर्थस्थलों पर आयोजन किया जाता है।
1. महाकुंभ मेला: महाकुंभ मेला का विशेष महत्व है, जो उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 12 पूर्ण कुंभ मेलों के पूरा होने के बाद हर 144 साल में आयोजित किया जाता है।
2. अर्ध कुंभ मेला: अर्धकुंभ मेला हर 6 साल में प्रयागराज और हरिद्वार में आयोजित किया जाता है।
3. पूर्ण कुंभ मेला: पूर्ण कुंभ मेला हर 12 साल में चार पवित्र स्थानों प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है।
4. माघ मेला: माघ मेला, हिंदू कैलेंडर के माघ महीने के दौरान यानी जनवरी से फरवरी तक, प्रयागराज में आयोजित होने वाला एक वार्षिक मेला है।