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Magh Purnima 2025:माघ पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है? जानिए इस दिन स्नान-दान का महत्व

  • Magh Purnima 2025: हिंदू धर्म में माघ महीने की पूर्णिमा तिथि का बड़ा महत्व है। इसे माघी पूर्णिमा कहते हैं। मान्यता है कि इस दिन स्नान, दान-पुण्य और व्रत से सभी पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 9 Feb 2025 05:00 PM
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Magh Purnima 2025:माघ पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है? जानिए इस दिन स्नान-दान का महत्व

Magh Purnima 2025: सनातन धर्म में माघ महीने की पूर्णिमा तिथि को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु , मां लक्ष्मी और चंद्रदेव की पूजा-अर्चना की जाती है। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस साल 12 फरवरी 2025 को माघ पूर्णिमा है। इस दिन को माघी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस विशेष दिन गंगा नदी में स्नान और दान-पुण्य के कार्य शुभ फलदायी माने जाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है और सभी पापों से मुक्ति मिलती है। शास्त्रों के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन गंगा,यमुना समेत अन्य पवित्र नदी में स्नान करने से सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है और कई गुना ज्यादा पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं माघ पूर्णिमा की सही तिथि और स्नान-दान का महत्व...

कब है माघ पूर्णिमा

द्रिक पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 11 फरवरी 2025 को शाम 06 बजकर 55 मिनट पर होगी और अगले दिन शाम को 7 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, 12 फरवरी 2025 को माघ पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस साल माघ पूर्णिमा के दिन सौभाग्य और शोभन योग का शुभ संयोग बन रहा है। जिससे इस दिन स्नान-दान के कार्यों का महत्व कहीं अधिक बढ़ जाता है।

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माघी पूर्णिमा के दिन स्नान-दान का महत्व ?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से साधक के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। माघ पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान करना अत्यंत शुभ माना गया है। इसलिए इस दिन सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। मान्यता है कि इससे आध्यात्मिक उन्नति, पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। माघ पूर्णिमा के दिन अन्न-धन,तिल, गुड़ और घी का दान करना भी बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन पितरों की आत्माशांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान भी किया जाता है। साथ ही गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन खिलाना चाहिए।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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