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Magh Purnima 2025:2 शुभ योग में मनाई जाएगी माघी पूर्णिमा,जानें स्नान-दान का उत्तम मुहूर्त और महत्व

  • Magh Purnima 2025: पंचांग के अनुसार, 12 फरवरी को बेहद शुभ संयोग में माघी पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस दिन स्नान-दान के कार्य पुण्यफलदायी माने जाते हैं। मान्यता है कि इससे साधक के सभी पाप और कष्ट दूर होते हैं।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 8 Feb 2025 08:53 PM
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Magh Purnima 2025:2 शुभ योग में मनाई जाएगी माघी पूर्णिमा,जानें स्नान-दान का उत्तम मुहूर्त और महत्व

Magh Purnima 2025: माघ महीने के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा या माघ पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन स्नान-दान के कार्य पुण्य फलदायी माने जाते हैं। इस साल माघ पूर्णिमा के दिन महाकुंभ में चौथा शाही स्नान किया जाएगा। माघ पूर्णिमा के दिन प्रभु श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-आराधना की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक के सभी दुख और पाप नष्ट होते हैं। माघ पूर्णिमा के दिन पितरों के आत्माशांति और मोक्ष प्राप्ति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान के कार्य भी किए जाते हैं। अगर आप महाकुंभ में स्नान करने नहीं जा पा रहे हैं, तो माघ पूर्णिमा के दिन घर में ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। इस साल माघ पूर्णिमा पर भद्रा का भी साया रहेगा। हिंदू धर्म में भद्राकाल के दौरान धर्म-कर्म के कार्यों की मनाही होती है। इसलिए इस दिन शुभ मुहूर्त देखकर ही स्नान-दान के कार्य करना चाहिए। आइए जानते हैं माघ पूर्णिमा की सही तिथि और स्नान-दान का उत्तम मुहूर्त...

माघ पूर्णिमा कब है?

द्रिक पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 11 फरवरी 2025 को शाम 06 बजकर 55 मिनट पर होगा और अगले दिन शाम को 7 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, 12 फरवरी 2025 को माघ पूर्णिमा मनाई जाएगी।

शुभ योगों में माघ पूर्णिमा: इस बार सौभाग्य और शोभन योग के शुभ संयोग में माघ पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस योग में धर्म-कर्म के उत्तम फलदायी माने जाते हैं।

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स्नान-दान का मुहूर्त : माघ पूर्णिमा के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के बाद दान-पुण्य के कार्य शुभ माने जाते हैं। इस दिन सुबह 05 बजकर 19 मिनट से लेकर 06 बजकर 10 मिनट तक ब्रह्म मुहूर्त रहेगा। इस दौरान स्नान-दान के कार्य कर सकते हैं।

भद्राकाल : माघी पूर्णिमा के दिन सुबह 07 बजकर 02 मिनट से 07 बजकर 05 मिनट तक लगभग 03 मिनट तक भद्राकाल रहेगा। इस दौरान शुभ कार्यों की मनाही होती है।

माघी पूर्णिमा का महत्व: माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन स्नान-दान के कार्य अति शुभ माने जाते हैं। इस दिन पवित्र नदी में स्नान किया जाता है और पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए भी विशेष उपाय किए जाते हैं। इसके साथ ही माघ पूर्णिमा का दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा के लिए खास दिन माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु जी ने मतस्य अवतार धारण किया था। इसलिए माघ पूर्णिमा बेहद खास मानी जाती है। इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा भी सुनी जाती है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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