Karwa Chauth Puja Time : करवा चौथ की पूजा कब शुरू करें, जानें 20 अक्टूबर को कब निकलेगा चांद
- Karwa Chauth 2024 Puja Time: रविवार के दिन कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ मनाया जाएगा। इस दिन भद्रा व राहूकाल रहित शुभ मुहूर्त में पूजा का शुभारंभ करना श्रेष्ठ माना गया है। पंडित से जानें पूजा का शुभ मुहूर्त-
Karwa Chauth 2024 Puja Time: करवा चौथ व्रत का महिलाएं पूरे साल इंतजार करतीं हैं। सुहागिनें इस खास दिन पर अपने सुहाग की सलामती के लिए निर्जला व्रत रखा जाता है। रविवार के दिन कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ मनाया जाएगा। इस दिन भद्रा व राहूकाल रहित शुभ मुहूर्त में पूजा का शुभारंभ करना श्रेष्ठ माना गया है। ऐसे में आइए पंडित जी से जानते हैं करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त, चांद निकलने का समय व पूजा की विधि-
करवा चौथ की पूजा कब शुरू करें: पंचांग अनुसार, 20 अक्टूबर को राहुकाल 5:46 मिनट तक रहेगा, जिसके बाद पूजा की शुरुआत करना उत्तम रहेगा।
पूजा शुभ-मुहूर्त: ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल के मुताबिक, पूजा का शुभ मुहूर्त रविवार शाम 5 बजकर 33 मिनट से 6 बजकर 49 बजे तक रहेगा। करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर रविवार को रखा जाएगा। इस साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर रविवार को सुबह 6.46 बजे से शुरू होकर अगले दिन 21 अक्टूबर को सुबह 4.16 बजे तक रहेगी। ऐसे में
20 अक्टूबर को कब निकलेगा चांद: महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय के अनुसार, करवा चौथ पर चन्द्रोदय रात्रि 07.42 बजे होगा।
कैसे करें करवा चौथ पूजा: महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय ने बताया कि कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को चन्द्रोदय ब्यापिनी में करवा चौथ का व्रत किया जाता है। इस साल रविवार का दिन कृतिका नक्षत्र दिन के 01.15 बजे के बाद रोहिणी नक्षत्र रहेगा। रात्रि के समय भगवान शिव, चन्द्रमा, कार्तिकेय आदि के चित्रों व सुहाग की वस्तुओं की पूजा करती हैं। सबसे ऊपर चन्द्रमा, उसके नीचे शिव, उसके नीचे कार्तिकेय के चित्र दीवाल पर बनाकर उनका पूजन करना चाहिए। पीली मिट्टी की गौरीजी का चित्र बनाकर उनकी पूजा करना चाहिए।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस दिन सायं काल में चन्द्रमा को अर्घ देकर बिना नमक का भोजन करें। जो स्त्रियां इस व्रत को निष्ठा पूर्वक धारण करती है, वह आजीवन सौभाग्वती बनी रहती हैं। सुहागन महिलाएं चंद्रमा को देखने के बाद पति के हाथों पानी पीने के साथ व्रत पूर्ण करती हैं।
पूजा मंत्र: ॐ चं चन्द्रमसे नमः, ॐ शिवाय नमः तथा विशेष मंत्र, ॐ षडमुखाय विद्महे मयूर वाहनाय धीमहि तन्नो कार्तिक प्रचोदयात। पंडित जी के अनुसार, इन्हीं मन्त्रों से निष्ठा पूर्वक पूजन करना चाहिए।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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