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Jaya Ekadashi 2025: जया एकादशी की पूजा व व्रत पारण कब होगा? जानें मुहूर्त, विधि व उपाय

  • Jaya Ekadashi 2025 Muhurat : जया एकादशी के दिन पूरे विधि-विधान के साथ भगवान विष्णु की आराधना की जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जया एकादशी का व्रत रखने से सुख-समृद्धि का लाभ मिलता है।

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 5 Feb 2025 03:11 PM
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Jaya Ekadashi 2025: जया एकादशी की पूजा व व्रत पारण कब होगा? जानें मुहूर्त, विधि व उपाय

Jaya Ekadashi 2025: इस साल फरवरी के महीने में जया एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ भगवान विष्णु की आराधना की जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जया एकादशी का व्रत रखने से सुख-समृद्धि का लाभ मिलता है। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए ये दिन महत्वपूर्ण माना जाता है। आइए जानते हैं मुहूर्त, विधि व उपाय-

जया एकादशी की पूजा व व्रत पारण कब होगा?

हिन्दू पंचांग के अनुसार, जया एकादशी की पूजा 8 फरवरी व व्रत पारण 9 फरवरी को किया जाएगा।

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एकादशी तिथि: फरवरी 07, 2025 के दिन रात 09:26 बजे एकादशी तिथि की शुरुआत होगी, जो फरवरी 08, 2025 के दिन रात 08:15 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, फरवरी 8, 2025 को जया एकादशी का व्रत रखा जाएगा।

पारण टाइम: 9 फरवरी को पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 07:04 ए एम से 09:17 ए एम तक रहेगा। पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय शाम 07:25 पी एम रहेगा।

जया एकादशी मुहूर्त

  1. ब्रह्म मुहूर्त- 05:21 ए एम से 06:13 ए एम
  2. प्रातः सन्ध्या- 05:47 ए एम से 07:05 ए एम
  3. अभिजित मुहूर्त- 12:13 पी एम से 12:57 पी एम
  4. विजय मुहूर्त- 14:26 पी एम से 15:10 पी एम
  5. गोधूलि मुहूर्त- 06:04 पी एम से 06:30 पी एम
  6. सायाह्न सन्ध्या- 06:06 पी एम से 07:24 पी एम
  7. अमृत काल- 09:31 ए एम से 11:05 ए एम
  8. निशिता मुहूर्त- 00:09 ए एम, फरवरी 09 से 01:01 ए एम, फरवरी 09
  9. रवि योग- 07:05 ए एम से 06:07 पी एम

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जया एकादशी पूजा-विधि

  • स्नान आदि कर मंदिर की साफ सफाई करेंब
  • भगवान श्री हरि विष्णु का जलाभिषेक करें
  • प्रभु का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें
  • अब प्रभु को पीला चंदन और पीले पुष्प अर्पित करें
  • मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें
  • संभव हो तो व्रत रखें और व्रत लेने का संकल्प करें
  • जया एकादशी की व्रत कथा का पाठ करें
  • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें
  • पूरी श्रद्धा के साथ भगवान श्री हरि विष्णु और लक्ष्मी जी की आरती करें
  • प्रभु को तुलसी दल सहित भोग लगाएं
  • अंत में क्षमा प्रार्थना करें

उपाय- इस दिन विष्णु चालीसा का पाठ करना शुभ माना जाता है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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