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भौम प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा? जानें इस दिन क्या नहीं करना चाहिए

  • Bhaum Pradosh Vrat 2025 : भगवान शिव को भौम प्रदोष का व्रत समर्पित है। इस दिन शिव जी की पूजा करने से संतान सुख की इच्छा पूरी होती है।

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 3 Feb 2025 10:14 PM
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भौम प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा? जानें इस दिन क्या नहीं करना चाहिए

Bhaum Pradosh Vrat 2025: फरवरी के महीने में भौम प्रदोष का व्रत पड़ रहा है। मंगलवार के दिन पड़ने के कारण इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। भगवान शिव को भौम प्रदोष का व्रत समर्पित है। इस दिन शिव जी की पूजा करने से संतान सुख की इच्छा पूरी होती है। भौम प्रदोष का व्रत रखने पर कुछ बातों का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं भौम प्रदोष व्रत के दिन किन कामों को करना शुभ व अशुभ माना जाता है-

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भौम प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा: पंचांग अनुसार, फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि फरवरी 25, 2025 को 12:47 पी एम पर शुरू होगी, जो फरवरी 26, 2025 को 11:08 ए एम पर समाप्त होगी। इस दिन प्रदोष पूजा मुहूर्त शाम 06:18 से 08:49 पी एम तक रहेगा, जिसकी अवधि 02 घण्टे 30 मिनट्स रहेगी। दिन का प्रदोष समय शाम 06:18 से 08:49 पी एम तक रहेगा।

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जानें इस दिन क्या नहीं करना चाहिए

टूटा चावल- भौम प्रदोष व्रत के दिन टूटे हुए चावल शिवलिंग पर बिल्कुल भी नहीं चढ़ाने चाहिए। मान्यता है इस दिन साफ-धुले हुए अक्षत के दाने ही पूजा में इस्तमाल करने चाहिए।

काले वस्त्र- धर्मिक मान्यताओं के अनुसार, किसी भी शुभ अवसर या फिर पूजा-पाठ के दौरान काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। इसलिए भौम प्रदोष के दिन काले रंग के कपड़े पहनने से बचें। भगवान शिव की असीम कृपा पाने के लिए इस दिन सफेद, हरे या पीले रंग के वस्त्र धारण करना अत्यंत शुभ रहेगा।

तामसिक भोजन- भौम प्रदोष के दिन भूलकर भी मास आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। भौम प्रदोष के दिन तामसिक भोजन का सेवन करने से भगवान शिव नराज हो सकते हैं।

नारियल पानी से अभिषेक- नारियल के पानी को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, जो भगवान विष्णु की अर्धांगिनी हैं। इसलिए भौम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव का अभिषेक नारियल पानी से नहीं करना चाहिए।

सिंदूर- शिव जी की पूजा में कुमकुम या सिंदूर नहीं चढ़ाना चाहिए। भगवान शिव वैरागी माने जाते हैं, जबकि सिंधुर सौभाग्य का प्रतीक है। इसलिए कुमकुम या सिंदूर को शिवलिंग पर नहीं अर्पित करना चाहिए।

तुलसी की पत्तियां- तुलसी की पत्तियां भगवान शिव को नहीं चढ़ानी चाहिए। तुलसी जी को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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