Holashtak: होलाष्टक में क्यों नहीं होते शुभ काम? जानें होलाष्टक में क्या करना चाहिए
- Holashtak 2025 : होलाष्टक के आठ दिनों में कोई नवीन या शुभ मंगल कार्य नहीं किया जाता। मगर ये समय दान, पूजा और मंत्र जाप के लिए शुभ माना गया है। जानें, होलाष्टक में क्या करना चाहिए और क्या नहीं-

Holashtak 2025: इस साल होलाष्टक शुक्रवार से शुरू हो रहे हैं। यह होली से आठ दिन पहले शुरू हो जाते हैं। इन दिनों में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता। मगर ये समय दान, पूजा और मंत्र जाप के लिए शुभ माना गया है। होलाष्टक के आठ दिनों में कोई नवीन या शुभ मंगल कार्य नहीं किया जाता। वैसे यह कोई अशुभ समयकाल नहीं है लेकिन होलाष्टक में मंगलकार्य (विवाह, मुहूर्त, गृहप्रवेश आदि) नहीं किये जाते। आइए जानते हैं होलाष्टक में क्यों नहीं होते शुभ काम साथ ही जानें होलाष्टक में क्या करना चाहिए और क्या नहीं-
होलाष्टक में क्या करना चाहिए: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलाष्टक के दिनों में विष्णु सहस्त्रनाम, हनुमान चालीसा अथवा महामृत्युंजय मंत्र का जप करना शुभ माना जाता है। इस दौरान पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वजों की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
होलाष्टक में क्या न करें?
-होलाष्टक में गृह प्रवेश, जमीन या वाहन न खरीदें
-ऑफिस ओपनिंग, सगाई, रोकना रस्म, विवाह संस्कार, मुहूर्त आदि न करें
-कोई बड़ी खरीदारी भी होलाष्टक में नहीं करनी चाहिए।
होलाष्टक में क्यों नहीं होते शुभ काम: होलाष्टक के दिन अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तक माने जाते हैं। इस दौरान हर दिन एक ग्रह उग्र रहता है। इसकी उग्रता से शुभ कार्य पर बुरा असर पड़ता है। अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल और पूर्णिमा को राहु उग्र होते हैं। होलाष्टक के इन आठ दिनों में विष्णु भगवान के भक्त प्रहलाद को यातनाएं दी गईं थी। इसके बाद होलाष्टक मनाने का चलन बन गया। फल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी को ही हिरण्यकश्यप को बंदी बनाया था।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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