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Ahoi Ashtami 2024: अहोई अष्टमी व्रत का पारण कैसे करें? न करना भूलें ये 6 काम

  • Ahoi Ashtami 2024 muhurat : अहोई अष्टमी के दिन मां पार्वती के स्वरूप अहोई माता की आराधना की जाती है। इस व्रत का पारण तारों के निकलने के बाद किया जाता है। वहीं, इस व्रत में पूजा के दौरान 7 प्रकार के अनाज भी रखे जाते हैं।

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 23 Oct 2024 07:30 PM
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Ahoi Ashtami 2024: अहोई अष्टमी व्रत में अहोई माता की आराधना की जाती है, जो मां पार्वती का स्वरूप मानी जाती हैं। ये व्रत लगभग करवा चौथ के चौथे दिन पड़ता है। इस साल कार्तिक कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि के दिन 24 अक्टूबर को अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाएगा। इस व्रत को करने से आपकी संतान खुशहाल होने के साथ ही दीर्घायु भी होती हैं। आइए जानते हैं अहोई अष्टमी व्रत का पारण कब और कैसे करें और व्रत के कुछ जरूरी नियम-

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अहोई अष्टमी व्रत का पारण कैसे करें? अहोई अष्टमी के व्रत का पारण तारोदय होने पर तारों का दर्शन करके होता है। संध्या काल में व्रती माताएं अहोई अष्टमी माता की पूजा कर तारों का दर्शन करके उन्हें जल का अर्घ्य देती हैं, तभी व्रत का महत्व पूरा माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, तारों को करवे से अर्घ्य दिया जाता है।

अहोई अष्टमी व्रत का पारण कब करें: कुछ परिवारों में यह व्रत चंद्रमा को देखकर खोला जाता है, तो कुछ तारे देखकर व्रत खोलते हैं। इसलिए 24 अक्टूबर के दिन ज्योतिषचार्य राहुल अग्रवाल के अनुसार, चंद्रउदय का समय रात 11 बजकर 57 मिनट और तारे देखने का समय लगभग 06 बजकर 06 मिनट के आसपास है।

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न करना भूलें ये 6 काम

1. अहोई अष्टमी पूजन की शुरुआत गणेश वंदना से की जाती है। किसी भी पूजा-पाठ को शुरू करने से पहले गणेश जी की आराधना की जाती है।

2. अहोई अष्टमी पूजा 7 प्रकार के अनाज के बिना अधूरी मानी जाती है। इसलिए 7 तरह के अनाज को हाथ में पूजा के दौरान रखें। फिर पूजा की समाप्ति के बाद अनाज को गए को खिला दें।

3. अहोई माता को आठ कोनों वाली तस्वीर की पूजा शुभ मानी जाती है।

4. अहोई अष्टमी की पूजा प्रदोष काल में करने की मान्यता है। इसलिए अहोई देवी की पूजा संध्या काल में शुभ मुहूर्त में ही करें।

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5. अहोई अष्टमी पर भूलकर भी तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। चाहे व्रती महिला हो या घर का कोई अन्य सदस्य इस दिन किसी को भी तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए।

6. मान्यताओं के अनुसार, अहोई अष्टमी व्रत का पारण तारों को देखने के बाद ही किया जाता है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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