उत्तर प्रदेश में 2014 के बाद हुए सभी चुनावों में भाजपा को बड़ी सफलता मिली है और विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) में मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने इसी सफलता को दोहराने की चुनौती है। दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव चाहेंगे कि वह 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों तथा 2017 के विधानसभा चुनाव में मिली हार का बीजेपी से बदला लें। इसके अलावा बसपा, कांग्रेस और आप भी मुकाबले को बहुकोणीय बनाने की कोशिश में हैं। ज्यादातर एग्जिट पोल्स में बीजेपी की सरकार की वापसी के आसार जताए गए हैं, जबकि बसपा और कांग्रेस के प्रदर्शन उल्लेखनीय नहीं रहने का अनुमान जताया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) अपने गढ़ गोरखपुर शहर और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) करहल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों ही नेता पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पूरा जोर लगा रही है कि प्रदेश में पार्टी का खोया जनाधार वापस आए। हालांकि, एग्जिट पोल के अनुमान कांग्रेस के लिए बहुत उत्साहवर्द्धक नहीं हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) इस बार प्रचार में अपेक्षाकृत कम मुखर रही हैं। उनकी पार्टी का दावा है कि परिणाम आने के बाद चुनाव विश्लेषकों के अनुमान धरे रह जाएंगे। उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से 7 मार्च के बीच सात चरणों में चुनाव हुए हैं। चूंकि प्रदेश में 15 करोड़ से अधिक वोटर हैं, इसलिए यहां के परिणाम को लोकसभा चुनाव 2024 के लिए काफी अहम माना जा रहा है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में 403 में बीजेपी को 312 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि उसकी सहयोगी पार्टियों के खाते में 13 सीटें गई थीं। समाजवादी पार्टी को 47, बसपा को 19 और कांग्रेस को 7 सीटें मिली थीं।