पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में किसी की भी सत्ता रिपीट न होने का ट्रेंड रहा है, जिसे इस बार भाजपा तोड़ने के लिए मैदान में उतरी है। वहीं कांग्रेस को एक बार फिर से सत्ता बदलने के पुराने प्रयोग में ही अपने लिए संयोग दिख रहा है। 68 सीटों वाले राज्य में अकसर छोटे अंतर से ही सरकार बनने और बिगड़ने का खेल होता रहा है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश में देखना होगा कि इस बार सत्ता का ऊंट किस करवट बैठता है। कांग्रेस और भाजपा के बीच यहां मुकाबला होता रहा है, लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी भी मैदान में है। देखना होगा कि यहां उसकी एंट्री से नतीजों में क्या अंतर दिखता है।
12 नवंबर को हिमाचल में मतदान हो चुका है, जिसमें पुरानी पेंशन स्कीम भी बड़ा मुद्दा बनकर उभरा था। इस मुद्दे ने भी कांग्रेस को उम्मीद बंधाई है, जो लगातार गुटबाजी की मार झेल रही थी। वहीं भाजपा को पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे और जयराम ठाकुर के काम से उम्मीद है कि मिशन रिपीट में वह कामयाब होगी। हिमाचल प्रदेश में 8 दिसंबर को चुनाव नतीजे आएंगे। इसी दिन गुजरात के भी परिणाम आएंगे। दोनों ही राज्यों में भाजपा की सरकार है, ऐसे में उसके लिए ताज बचाए रखने की चुनौती होगी। विश्लेषकों की मानें तो मुकाबला टाइट है और खुद जयराम ठाकुर ने भी कड़ी फाइट की बात को स्वीकार किया है।