भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात में लगातार 27 सालों तक शासन किया है। पार्टी ने पिछले तीन दशक में यहां हर चुनाव में भगवा परचम लहराया है। कांग्रेस पार्टी लंबे समय से यहां सत्ता में लौटने का इंतजार कर रही है तो इस बार आम आदमी पार्टी (आप) ने भी पूरा जोर लगाया है। गुजरात में विधानसभा की 182 सीटों (Gujarat Election Constituency) पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला है। गुजरात में विधानसभा की सभी सीटों पर भाजपा के अलावा कांग्रेस और 'आप' के बीच टक्कर हुई। सभी पार्टियों ने जीत दर्ज करने के लिए पूरा जोर लगाया। गुजरात में भाजपा के प्रदर्शन पर देशभर की निगाहें हैं। पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के गृहराज्य में चुनावी नतीजा 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भी बेहद महत्वपूर्ण है।
गुजरात में विधानसभा की कुल 182 सीटें हैं (vidhan sabha seats in Gujarat district wise) और बहुमत के लिए 92 सीटों पर जीत की आवश्यकता होती है। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 99 सीटों पर जीत हासिल की थी तो कांग्रेस को 77 सीटों पर जीत मिली थी। कांग्रेस पार्टी ने 1995 में सर्वाधिक 149 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने 2002 में 127 सीटों पर जीत दर्ज की थी। भाजपा ने इस बार 150 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में भाजपा ने लगातार सातवीं जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी। पीएम मोदी ने ताबड़तोड़ रैलियां कीं और जनता से नरेंद्र-भूपेंद्र की जोड़ी के लिए वोट की अपील की। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी पिछले छह महीने में खूब पसीना बहाया है। कांग्रेस पार्टी ने इस बार बड़ी रैलियों की बजाय घर-घर प्रचार और नुक्कड़ सभाओं पर फोकस रखा।