बंगाल एसएससी घोटाला: ED के बाद एक्शन में सीबीआई, दो शीर्ष अधिकारी गिरफ्तार
बता दें कि स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) की ओर से की गई भर्तियों में कथित अनियमितता में धन के लेन-देन से जुड़ी जांच के सिलसिले में 23 जुलाई को चटर्जी और मुखर्जी को गिरफ्तार किया था।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को बंगाल स्कूल भर्ती घोटाले के सिलसिले में अपनी पहली गिरफ्तारी की है। इस मामले में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को 23 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। अब सीबीआई ने नियुक्तियों के लिए गठित विशेष सलाहकार समिति के संयोजक शांति प्रसाद सिन्हा और राज्य स्कूल सेवा आयोग के सचिव अशोक साहा को गिरफ्तार किया है। कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा मामले की सीबीआई जांच के आदेश के बाद सिन्हा और साहा से कई बार पूछताछ की गई थी। बुधवार को घंटों पूछताछ के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
बता दें कि स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) की ओर से की गई भर्तियों में कथित अनियमितता में धन के लेन-देन से जुड़ी जांच के सिलसिले में 23 जुलाई को चटर्जी और मुखर्जी को गिरफ्तार किया था। तब से ही वे ईडी की हिरासत में हैं। ईडी ने दावा किया था कि उसने मुखर्जी के स्वामित्व वाले अपार्टमेंट से 49.80 करोड़ रुपये कैश, आभूषण और सोने की छड़ें बरामद की हैं। इन दोनों पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत आरोप हैं।
पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को कोलकाता की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को 18 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजा है। विशेष पीएमएलए अदालत के न्यायाधीश जिबोन कुमार साधू ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आग्रह पर चटर्जी और मुखर्जी को 14-14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
ईडी ने दावा किया है कि उसने मुखर्जी के स्वामित्व वाले आवासों से 49.80 करोड़ रुपये नकद, ज़ेवरात, और सोने की छड़ें बरामद की हैं। उसने यह भी दावा किया है कि एजेंसी को संपत्तियों और कंपनियों से संबंधित दस्तावेज़ भी मिले हैं। दोनों को धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया है।
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