Hindi Newsपश्चिम बंगाल न्यूज़Partha Chatterjee who is serving time in jail with the help of Ramkrishna Paramhansa teachings and junk food know his daily routine

रामकृष्ण परमहंस के उपदेश और जंक फूड के सहारे जेल में समय काट रहे पार्थ चटर्जी, जानें डेली रूटीन

नौकरी के बदले रिश्वत घोटाले में एक मुख्य आरोपी पार्थ चटर्जी को ईडी ने 23 जुलाई को गिरफ्तार किया। वह 5 अगस्त से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है। चटर्जी जेल में कैदी नंबर 943799 से जाने जाते हैं।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तान, कोलकाता।Wed, 10 Aug 2022 09:20 AM
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कोलकाता की ऐतिहासिक प्रेसीडेंसी जेल में एक एकांत कक्ष के अंदर बंद पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी 19 वीं शताब्दी के संत श्री रामकृष्ण परमहंस के उपदेशों को पढ़कर और कुछ तला हुआ खाने की चाहत के साथ खुद को अन्य कैदियों से अलग रख रहे रहे हैं। ब्रिटिश-युग की संस्था के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। चटर्जी ने सोमवार को कागज और कलम की मांग करते हुए कहा कि वह सलाखों के पीछे के जीवन के बारे में लिखना चाहते हैं।

नौकरी के बदले रिश्वत घोटाले में एक मुख्य आरोपी पार्थ चटर्जी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 23 जुलाई को गिरफ्तार किया। वह 5 अगस्त से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है। चटर्जी जेल में कैदी नंबर 943799 से पहचाने जाते हैं। उन्हें एक ब्लॉक में सेल नंबर 2 में बंद किया गया है। इसमें कुल 22 सेल हैं।

अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पार्थ चटर्जी के अनुरोध के बाद उन्हें श्री श्री रामकृष्ण कथामृत की एक प्रति, उपदेश वाली पुस्तक और लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता महाश्वेता देवी के कार्यों का संकलन दिया गया है। चटर्जी को राजनीति, अर्थशास्त्र और कानून की भी कुछ किताबें दी गईं।  पूर्व मंत्री ने अब तक उन समाचार पत्रों में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है जो अधिकारी प्रतिदिन प्रदान करते हैं। 

5 अगस्त को पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को दो सप्ताह की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। मुखर्जी प्रेसीडेंसी के 200 मीटर के दायरे में स्थित महिलाओं के बने अलीपुर सुधार गृह में बंद हैं।

अधिकारियों ने कहा कि पार्थ चटर्जी ने शुरू में नखरे किए और लंच और डिनर दोनों में चावल लेना चाहते थे। पहली रात को उन्होंने अनिच्छा से रात का खाना खाया, जिसमें दाल, एक सब्जी और रोटियां शामिल थीं। लेकिन टीएमसी के पूर्व महासचिव अगले दिन शांत हो गए और अन्य कैदियों के लिए जो कुछ भी पकाया जाता है वह खा लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है।

लंबे समय से चावल और गहरे तले हुए भोजन के लिए जाने जाने वाले पार्थ चटर्जी को कर्मचारियों से पता चला कि जेल की कैंटीन में आलू और बैगन का तला हुआ खाना तैयार किया गया है। उन्होंने दोनों को मुरमुरे के साथ खाने की जिद की। हालांकि चटर्जी दवाओं पर बहुत अधिक निर्भर हैं। जेल के डॉक्टरों ने उन्हें भोजन करने की अनुमति दी।

पांच दिनों में दो बार पूर्व मंत्री से मिलने गई वकील सुकन्या भट्टाचार्य ने कहा कि एडिमा (टखनों और पैरों में सूजन) सुधार गृह में जाने के बाद से चटर्जी को परेशान कर रही है।

अधिकारियों ने कहा कि एडिमा मोटापे और रक्तचाप की दवाओं के प्रभाव सहित अन्य कारणों से होता है। हालांकि, पार्थ चटर्जी जेल अस्पताल जाने के इच्छुक नहीं थे। उन्हें मंगलवार सुबह कोठरी के बाहर गलियारे में टहलने की अनुमति दी गई, क्योंकि शारीरिक गतिविधि से सूजन कुछ हद तक कम हो जाती है।

पार्थ चटर्जी को कक्ष के फर्श पर सोने के लिए कहा गया। वह मोटापे और पीठ दर्द के कारण सो नहीं सके। अधिकारियों से उन्होंने शिकायत की। बाद में उन्हें एक खाट प्रदान की गई। एक स्टाफ सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "वह अगले दिन लगभग आठ घंटे खाट पर सोए।"

चटर्जी की कोठरी में एक छोर पर एक छोटा शौचालय है, लेकिन कैदियों को एक सामान्य क्षेत्र में स्नान करना पड़ता है। उन्हें सोमवार को अपने सेल के बाहर पानी का एक ड्रम दिया गया था, क्योंकि वह स्नान क्षेत्र तक नहीं जाना चाहते थे।
 
पार्थ चटर्जी जिस सेल में बंद हैं वहां के बाकी कैदी कुछ बड़े आपराधिक मामलों में आरोपी हैं। सबसे बड़े चिटफंड मामलों में से एक में ईडी और सीबीआई जांच का सामना कर रहे सारदा समूह के अध्यक्ष सुदीप्त सेन  भी इसी जेल में बंद हैं। अन्य कैदियों में टीएमसी नेता छत्रधर महतो शामिल हैं, जिन्हें 2009 की राजधानी एक्सप्रेस बंधक मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गिरफ्तार किया था। कोलकाता के अमेरिकन सेंटर पर 2002 के हमले में दोषी आफताब अंसारी भी इसी जेल में बंद है।

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