बढ़ेंगी पार्थ चटर्जी की मुश्किलें, ईडी से सीबीआई हिरासत में भेजे गए पूर्व टीएमसी मंत्री
पार्थ चटर्जी अगस्त की शुरुआत से प्रेसीडेंसी सुधार गृह में बंद थे। शुक्रवार को अदालत ने उन्हें सीबीआई की अपील के बाद उसकी हिरासत में भेज दिया। इसके अलावा गंगोपाध्याय की जमानत से भी इनकार कर दिया।
पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को शुक्रवार दोपहर कोलकाता की एक अदालत ने न्यायिक हिरासत से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में भेज दिया। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने दावा किया कि रिश्वत के बदले नौकरी कांड में पार्थ ही मास्टरमाइंड थे। ज्ञात हो कि कथित नौकरी घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पार्थ और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था। इससे पहले कोलकाता में छह घंटे की पूछताछ के बाद सीबीआई ने पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गंगोपाध्याय को गुरुवार को गिरफ्तार किया था।
सीबीआई ने मंगलवार को कोलकाता की अलीपुर अदालत से भी चटर्जी को अपनी हिरासत में भेजने की अपील की थी। जिसके बाद बुधवार को अदालत ने कहा था कि सीबीआई की अपील पर सुनवाई के दौरान पूर्व मंत्री को शारीरिक रूप से उपस्थित रहना होगा। शुक्रवार को केस की सुनवाई से पहले केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के जवानों को कोर्ट में भारी संख्या में तैनात किया गया था।
जब चटर्जी को अदालत से दक्षिण कोलकाता के निजाम पैलेस में सीबीआई कार्यालय ले जाया जा रहा था, तो कई लोगों "चोर-चोर" चिल्ला रहे थे। पार्थ चटर्जी अगस्त की शुरुआत से प्रेसीडेंसी सुधार गृह में बंद थे। शुक्रवार को अदालत ने उन्हें सीबीआई की अपील के बाद उसकी हिरासत में भेज दिया। इसके अलावा गंगोपाध्याय की जमानत से भी इनकार कर दिया।
दोनों को 21 सितंबर तक सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया है। मई में, कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने सीबीआई को पश्चिम बंगाल केंद्रीय विद्यालय सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) और पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा गैर-शिक्षण कर्मचारियों (ग्रुप सी और डी) और शिक्षण कर्मचारियों की अवैध नियुक्ति की जांच करने का आदेश दिया था। 2014 से 2021 तक मंत्री के रूप में चटर्जी के कार्यकाल के दौरान भर्तियां कई चरणों में हुईं थीं।
समिति के मुख्य सलाहकार शांति प्रसाद सिन्हा को पहले ही सीबीआई ने WBSSC के एक वरिष्ठ अधिकारी अशोक साहा के साथ गिरफ्तार किया है। सीबीआई के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एजेंसी की योजना चटर्जी, गंगोपाध्याय, सिन्हा और साहा से एक-दूसरे का सामना कराकर पूछताछ करने की है। लगभग दो महीने पहले सेवानिवृत्त होने से पहले गंगोपाध्याय ने 10 साल तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था।
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