Hindi Newsपश्चिम बंगाल न्यूज़Court extends judicial remand of Partha Chatterjee and close associate Arpita Mukherjee till Dec 14

मनी लॉन्ड्रिंग मामला: पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को राहत नहीं, 14 दिसंबर तक बढ़ाई गई न्यायिक हिरासत

पूर्व मंत्री के वकील ने अदालत से कहा कि उनका मुवक्किल गत 113 दिनों से हिरासत में है और दावा किया कि अब उसे कारागार में रखने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा सुनवाई पूरी होने में लंबा समय लगेगा।

एजेंसी कोलकाताWed, 30 Nov 2022 10:40 PM
share Share

मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी कथित करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी की न्यायिक हिरासत बुधवार को यहां की अदालत ने  14 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दी। ईडी ने 23 जुलाई को दोनों को गिरफ्तार किया था और मुखर्जी के फ्लैटों से बड़ी मात्रा में नकदी, जेवर और जमीन के कागजात बरामद किए थे। 

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार प्रायोजित और अनुदान प्राप्त स्कूलों में सहायक और प्राथमिकी शिक्षकों के पदों पर आयोग्य लोगों की भर्ती करने के एवज में प्राप्त राशि के मनी लॉन्ड्रिंग के लिए आरोपियों द्वारा आपराधिक साजिश रची गई।  बैंकशाल अदालत स्थित धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत ने चटर्जी और मुखर्जी की न्यायिक हिरासत 14 दिसंबर तक बढ़ाते हुए कहा कि जांच पूरी गति से हो रही है।

100 खातों से हुई लेनदेन की जांच

अदालत ने अरोपियों और संबंधित गवाहों से हो रही पूछताछ में नित नए-नए हो रहे खुलासे के मद्देनजर ईडी को चटर्जी और मुखर्जी से जेल में ही पूछताछ करने की अनुमति के लिए अर्जी दाखिल करने की अनुमति दे दी। दोनों आरोपियों की न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग करते हुए ईडी के वकीलों ने पूछताछ के दौरान सामने आए नए तथ्यों को रखा और बताया कि वह करीब 100 खातों से हुई लेनदेन की जांच कर रही है। एजेंसी ने दावा किया कि आपराधिक कृत्य से प्राप्त राशि का धनशोधन करने के लिए इनका इस्तेमाल किया गया।  सुनवाई के दौरान चटर्जी और मुखर्जी को ऑनलाइन माध्यम से अदालत के समक्ष पेश किया गया। 

अदालत के समक्ष जमानता का अनुरोध नहीं किया गया

मुखर्जी के वकील ने भी इसी तरह का तर्क रखा और न्यायिक हिरासत बढ़ाने के अनुरोध का विरोध किया। हालांकि, उनमें से किसी ने भी अदालत के समक्ष जमानत का अनुरोध नहीं किया। गौरतलब है कि चटर्जी वर्ष 2014 से 2021 तक पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री थे और आरोप है कि उनके कार्यकाल के दौरान ही सरकार प्रायोजित और अनुदान प्राप्त स्कूलों में हुई भर्ती में अनियमितता की गई। 

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें