जिस दिन ममता ने पारित कराया अपराजिता बिल, उसी रात कोलकाता के 5 स्टार होटल में महिला से छेड़छाड़
पश्चिम बंगाल विधानसभा ने मंगलवार को ही सर्वसम्मति से बलात्कार रोधी विधेयक पारित किया है, जिसमें पीड़िता की मौत होने या उसके ‘कोमा’ जैसी स्थिति में जाने पर दोषियों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है।
कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या से पश्चिम बंगाल की ममता सरकार चहुंओर निशाने पर है। इस बीच, ममता सरकार ने राज्य में रेप और महिला व बाल उत्पीड़न के मामलों से निपटने के लिए मंगलवार को कड़े कानूनी प्रावधानों वाला अपराजिता बिल पेश किया जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया लेकिन जिस दिन कोलकाता में विधानसभा में यह बिल पारित हुआ उसी रात वहां के एक मशहूर पांच सितारा होटल में एक महिला से छेड़छाड़ होने की खबर है।
पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक दिल्ली का रहने वाला है। आरोप है कि होटल में एक पार्टी के दौरान महिला के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ की गई। महिला द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, घटना मंगलवार रात करीब 11.50 बजे हुई। आरोपियों ने महिला और उसकी बहन के साथ भी छेड़छाड़ की। आरोप है कि दोनों आरोपियों ने उन्हें गलत तरीके से छुआ और हंगामा करने पर उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी।
पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार लोगों में एक की पहचान दिल्ली के पीतमपुरा इलाके के निवासी अरुण कुमार के रूप में की गई है, जिनकी उम्र 60 साल है, जबकि दूसरे की पहचान कोलकाता के ही 43 वर्षीय रिंकु गुप्ता के रूप में हुई है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अरुण कुमार फाइव स्टार होटल में ठहरे हुए थे और मुलाकात के लिए रिंकु गुप्ता को होटल में बुलाया था। बाद में दोनों ने होटल में चल रही पार्टी के दौरान पीड़ित महिलाओं से छेड़छाड़ की।
बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा ने मंगलवार को ही सर्वसम्मति से बलात्कार रोधी विधेयक पारित किया है, जिसमें पीड़िता की मौत होने या उसके ‘कोमा’ जैसी स्थिति में जाने पर दोषियों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है। विधानसभा में विधेयक पर चर्चा के दौरान, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उन सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे की मांग की, जो ‘‘महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रभावी कानून लागू नहीं कर सके हैं।’’
‘अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) विधेयक 2024’ का उद्देश्य बलात्कार और यौन अपराधों से संबंधित नए प्रावधानों के जरिये महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा मजबूत करना है। विधेयक, हाल में पारित भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 कानूनों और पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम 2012 के पश्चिम बंगाल में क्रियान्वन में संशोधन करने का प्रस्ताव करता है। इस कदम का उद्देश्य महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ हिंसा के जघन्य कृत्य की त्वरित जांच व सुनवाई का मार्ग प्रशस्त करना तथा सजा को कठोरतम करना है।
कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ अगस्त को एक चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना के बाद जारी व्यापक प्रदर्शनों के मद्देनजर, यह विधेयक पेश व पारित करने के लिए विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया था। (भाषा इनपुट्स के साथ)
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