Hindi Newsपश्चिम बंगाल न्यूज़Police arrived before Sandeep Ghosh CBI new claim in Kolkata case suspense over cleanliness at crime scene

संदीप घोष से पहले पहुंची पुलिस; कोलकाता केस में CBI का नया दावा, क्राइम सीन पर आई सफाई पर भी सस्पेंस

  • सीबीआई की जांच में सामने आया है कि 9 अगस्त की सुबह जब कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष को इस घटना की जानकारी मिली, तब उनके घटना स्थल पर पहुंचने से पहले ही पुलिस वहां मौजूद थी।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानSat, 31 Aug 2024 09:23 AM
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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में नया खुलासा हुआ है। सीबीआई की जांच में सामने आया है कि 9 अगस्त की सुबह जब कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष को इस घटना की जानकारी मिली, तब उनके घटना स्थल पर पहुंचने से पहले ही पुलिस वहां मौजूद थी। सीबीआई के सूत्रों के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज और फोन कॉल की जांच के बाद सुबह करीब 10 बजे आरजी कर के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के डॉक्टर सुमित राय तोपदार ने सबसे पहले संदीप घोष को फोन किया था। हालांकि, उस समय संदीप घोष नहा रहे थे, इसलिए उन्होंने तुरंत फोन नहीं उठाया। इसके बाद संदीप घोष ने खुद डॉक्टर तोपदार को वापस फोन किया। तोपदान ने संदीप घोष को घटना की जानकारी दी। इसके बाद घोष अस्पताल के लिए रवाना हो गए। अस्पताल पहुंचने के रास्ते में उन्होंने पुलिस, अस्पताल के तत्कालीन सुप्रिटेंडेंट संजय बशिष्ठ और पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के तत्कालीन प्रमुख अरुणाभ दत्ता चौधरी को भी फोन किया।

आनंदबाजार पत्रिका की रिपोर्ट के मुताबिक, संदीप घोष जब घटना स्थल पर पहुंचे तो वहां पहले से ही पुलिस मौजूद थी। यह ध्यान देने योग्य है कि इससे पहले कोलकाता पुलिस की डीसी (सेंट्रल) इंदिरा मुखर्जी ने दावा किया था कि 9 अगस्त की सुबह साढ़े 10 बजे तक पुलिस ने घटनास्थल को पूरी तरह से घेर लिया था और वहां बाहरी लोगों के प्रवेश की संभावना नहीं थी। उन्होंने सबूतों को नष्ट किए जाने के सभी आरोपों को खारिज किया था। हालांकि, सीबीआई के जांच में मिले सीसीटीवी फुटेज से यह स्पष्ट हुआ कि पुलिस के आने से पहले संदीप घोष घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे।

इस बीच, आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल की एक वीडियो भी सामने आई थी, जिसने कई सवाल खड़े कर दिए थे। वीडियो में दिखाया गया था कि घटना के बाद सेमिनार हॉल में कई लोग मौजूद थे। पुलिस ने बाद में इस वीडियो पर सफाई देते हुए कहा था कि जहां से मृतका का शव बरामद हुआ था, उस स्थान को पुलिस ने सुरक्षित रखा था और वीडियो हॉल के दूसरे हिस्से का था। बावजूद इसके, वीडियो के कुछ और फुटेज सामने आने के बाद यह मामला फिर से विवादों में आ गया।

इस वीडियो के सामने आने के बाद बीजेपी नेता अमित मालवीय ने एक ट्वीट में आरोप लगाया कि घटनास्थल पर डॉक्टर, पुलिस और अस्पताल के कर्मचारियों के साथ-साथ बाहरी लोग भी मौजूद थे। बता दें सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई के वकील, केंद्र के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी दावा किया था कि घटनास्थल की स्थिति को बदल दिया गया था। हालांकि, डीसी इंदिरा मुखर्जी ने स्पष्ट किया कि वीडियो में दिख रहे लोग पुलिस, अस्पताल के डॉक्टर, कर्मचारी और मृतका के परिवार के सदस्य थे। उनके अनुसार, कोई बाहरी व्यक्ति घटनास्थल पर नहीं था और सुरक्षित क्षेत्र में बाहरी लोगों के प्रवेश की कोई संभावना नहीं थी। इस नए खुलासे ने मामले को और जटिल बना दिया है और पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि CBI की जांच इस मामले में और क्या खुलासे करती है।

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