दिल्ली-NCR वालों सावधान! सितंबर में भी होगी खूब बारिश, IMD ने चक्रवात 'असना' पर दिया बड़ा अपडेट
मौसम विज्ञानियों ने बताया कि उत्तर-पश्चिम भारत में 1 जून से अब तक 76% अधिक बारिश हुई है, जबकि पूर्वी राजस्थान में 39% अधिक बारिश हुई है। हालांकि, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 27%; पंजाब में 29%, हिमाचल प्रदेश में 22% और हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली उपखंड में 16% कम बारिश हुई है।
देश के उत्तर-पश्चिम इलाके खासकर गुजरात में पिछले पांच दिनों से भारी बारिश हो रही है। अगस्त में इतनी अधिक मात्रा में यह असमान्य मॉनसूनी बारिश है। मौसम विज्ञानियों ने कहा कि सितंबर के पहले सप्ताह में भी बारिश का यह सिलसिला जारी रहने की उम्मीद है। सौराष्ट्र के ऊपर बने गहरे दबाव के क्षेत्र ने गुजरात के कुछ हिस्सों में भयंकर बाढ़ ला दी है। दूसरी तरफ पूर्वी भारत के ऊपर बने कम दबाव के क्षेत्र की वजह से पूर्वी राज्यों में भारी बारिश हो रही है। इन मौसमी दशाओं और दिल्ली के पास मॉनसून रेखा स्थित होने की वजह से दिल्ली एनसीआर में भी भारी बारिश हुई है।
उत्तर-पश्चिम भारत में 76 फीसदी ज्यादा बारिश
मौसम विज्ञानियों ने बताया है कि 1 जून से देश भर में 7% अधिक बारिश हुई है। उनके मुताबिक, मध्य भारत में 17% अधिक बारिश हुई है; जबकि उत्तर-पश्चिम भारत में 2% अधिक बारिश हुई है। प्रायद्वीपीय भारत में भी 18% अधिक बारिश हुई है लेकिन पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में 11% कम बारिश हुई है। IMD के आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में देश भर में 15.9% अधिक बारिश हुई, जिसमें उत्तर-पश्चिम भारत में 31.4% अधिक बारिश हुई; पूर्वी तथा पूर्वोत्तर भारत में 7.2% अधिक बारिश हुई; मध्य भारत में 17.2% अधिक बारिश हुई लेकिन प्रायद्वीपीय भारत में 1.3% कम बारिश हुई।
मौसम विज्ञानियों ने बताया कि उत्तर-पश्चिम भारत में 1 जून से अब तक 76% अधिक बारिश हुई है, जबकि पूर्वी राजस्थान में 39% अधिक बारिश हुई है। हालांकि, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 27%; पंजाब में 29%, हिमाचल प्रदेश में 22% और हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली उपखंड में 16% कम बारिश हुई है।
गुजरात का दबाव अरब सागर के ऊपर चक्रवात में बदल सकता है
IMD बताया है कि सौराष्ट्र और कच्छ के ऊपर बना गहरा दबाव 30 अगस्त (शुक्रवार) को उत्तर-पूर्व अरब सागर के ऊपर चक्रवाती तूफान 'असना' में बदल सकता है। शुक्रवार तक सौराष्ट्र और कच्छ के अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश जारी रहने और उसके बाद कम होने की संभावना है। IMD के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "सौराष्ट्र के ऊपर कुछ दिनों से बने गहरा दबाव के अरब सागर के ऊपर एक चक्रवात के रूप में बदलने की अनुकूल परिस्थितियां बन रही हैं। इसे समुद्र से ऊर्जा मिलेगी ।" उन्होंने कहा, मैडेन जूलियन ऑसिलेशन अनुकूल स्थिति में है, इसलिए अरब सागर के ऊपर चक्रवात तीव्रता से विकसित हो सकता है।
अधिकारी ने यह भी कहा कि यह असामान्य घटना है कि जब कोई सिस्टम जमीन पर उभरता है और समुद्र में प्रवेश करने के बाद वह चक्रवात बन जाता है। हालांकि, ऐसा पहले भी दो बार हो चुका है, जिसमें सौराष्ट्र के ऊपर बना एक डिप्रेशन बाद में अरब सागर के ऊपर चक्रवात बन गया। उन्होंने कहा कि गुजरात के ऊपर बने गहरा दबाव के पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ने, कच्छ और उससे सटे सौराष्ट्र और पाकिस्तान के तटों से उत्तर-पूर्व अरब सागर तक जाने की वजह से यह 30 अगस्त को एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसके बाद यह अगले 2 दिनों तक भारतीय तट से दूर उत्तर-पूर्व अरब सागर में पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ना जारी रखेगा।
उत्तर-पश्चिम भारत में 1 सितंबर से और बारिश
IMD ने बताया कि मध्य और उससे सटे उत्तरी बंगाल की खाड़ी पर कम दबाव के कारण अगले 2-3 दिनों के दौरान ओडिशा, तटीय कर्नाटक, केरल और माहे में भारी से लेकर बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। इस दौरान उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, विदर्भ और तेलंगाना में भी भारी से लेकर बहुत भारी बारिश हो सकती है। IMD ने बताया कि 1 सितंबर से दिल्ली एनसीआर सहित उत्तर-पश्चिम भारत में और अधिक बारिश होने की उम्मीद है।
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