बिहार सहित इन राज्यों में मॉनसून को लेकर IMD ने दी बुरी खबर, जानें इस साल कितनी होगी बारिश
- इस तरह यदि विभाग का पूर्वानुमान सही निकलता है तो इस बार 913.5 मिलीमीटर बारिश होगी। विभाग ने कहा कि माॅडलीय त्रुटि पांच फीसदी की हो सकती है।

Monsoon Latest Updates: मौसम विभाग (IMD) ने इस साल मॉनसून को लेकर पूर्वानुमान लगाया है। IMD की नई जानकारी देश के कई राज्यों के लिए तो खुशखबरी जैसी है, लेकिन बिहार, तमिलनाडु सहित पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए चिंता करने वाली है। मौसम विभाग ने कहा है कि इस बार मॉनसून के चार महीने जून से सितंबर तक अच्छी बारिश के आसार हैं। हालांकि, बिहार, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर में बारिश सामान्य से कम हो सकती है। मौसम विभाग ने मंगलवार को मॉनसूनी बारिश को लेकर पूर्वानुमान जारी करते हुए यह बात कही। पिछले लगातार छह वर्षों से देश में मॉनसूनी बारिश सामान्य या इससे अधिक दर्ज की गई है। अच्छी बारिश का यह लगातार सातवां साल होगा।
पृथ्वी विज्ञान विभाग के सचिव एम. रविचंद्रन, मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र, अतिरिक्त महानिदेशक आरके जेनामणि ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मॉनसून के चार महीनों में इस बार सामान्य से अधिक 105 फीसदी बारिश होने का अनुमान है। 1971 से 2000 तक के आंकड़ों के आधार पर इन चार महीनों में 870 मिमी सामान्य बारिश होती है।
इस तरह यदि विभाग का पूर्वानुमान सही निकलता है तो इस बार 913.5 मिलीमीटर बारिश होगी। विभाग ने कहा कि माॅडलीय त्रुटि पांच फीसदी की हो सकती है। यानी बारिश अनुमान से पांच फीसदी कम या ज्यादा हो सकती है।
इस बार अल-नीनो के आसार नहीं
मौसम विभाग के अनुसार, इस बार मॉनसून को प्रभावित करने वाले सभी मानक सामान्य हैं। जैसे मॉनसून के दौरान अल नीनो (जलवायु घटना) के आसार नहीं हैं। दूसरा, उत्तरी गोलार्द्ध, यूरेशिया में बर्फ की चादर सामान्य से कम है। जब भी ऐसा होता है मॉनसूनी बारिश अच्छी होती है। जब बर्फ ज्यादा होती है तो बारिश कम होती है। प्रशांत महासागर में विषुवत रेखा के इर्द-गिर्द समुद्र के तापमान से जुड़ी स्थितियां भी सामान्य बनी हुई हैं। भारतीय समुद्र से भी सकारात्मक आंकड़े आ रहे हैं। पूर्वोत्तर में सामान्य बारिश का रिकॉर्ड काफी ज्यादा है, इसलिए कमी के बावजूद वहां पर्याप्त बारिश होगी।
मई अंत में अपडेट
मौसम विभाग ने कहा कि मॉनसून कब दस्तक देगा और उसकी प्रगति देश के दूसरे हिस्सों में कैसी रहेगी, इसे लेकर मई के अंत में एक और पूर्वानुमान जारी किया जाएगा।
विभाग का पूर्वनानुमान अब ज्यादा सटीक
मौसम विभाग ने दावा किया कि मॉनसून को लेकर जारी किए गए पूर्वानुमानों में पिछले चार वर्षों में महज 2.27 फीसदी की त्रुटि रही, जबकि उससे पहले के चार वर्षों में यह 7.5 फीसदी तक थी। यानी पूर्वनानुमान पहले की तुलना में ज्यादा सटीक हो रहे हैं।
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