बच्चों को लेकर चली गई थी पाकिस्तान, वापस आई तो पकड़ी गई, लोग बोले- एक और सीमा हैदर; जानिए क्या है पूरा मामला
- महाराष्ट्र के ठाणे में एक दशक पहले अपने आधार कार्ड नाम को फर्जी तरीके से बदलवाना एक महिला को भारी पड़ गया। पाकिस्तानी से शादी करने के बाद जब वह वापस भारत आई तो पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर लिया है।
महाराष्ट्र के ठाणे में एक लड़की को अपने माता पिता द्वारा दिया गया नाम, नगमा नूर मकसूदली पसंद नहीं था तो उसने एक दशक पहले ही एक स्थानीय दुकानदार की मदद से अपने आधार कार्ड में नाम बदल कर सनम खान करवा लिया। तब तो किसी ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया लेकिन हाल ही में एक पाकिस्तान निवासी से उसकी शादी और दोनों देशों की यात्रा के कारण उसके दस्तावेजों की गहनता से जांच की गई, जिसमें यह खुलासा हुआ। जब अधिकारियों को इस बात का पता चला तो भारत आई नगमा को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस ने जब नगमा से पूछताछ की तो उसने बताया कि मुझे मेरा नाम पसंद नहीं था, मुझे सनम नाम पसंद था तो 2015 में मैंने अपने नाम को बदलवा लिया। तब मेरी उम्र करीब 18 साल की होगी। साल 2022 में एक पाकिस्तानी व्यक्ति से शादी के बाद नगमा अपनी पहली शादी से हुई दो बेटियों को लेकर पाकिस्तान चली गई। वहां पर वह एबटाबाद में रहने लगी। इस साल 17 जुलाई को जब उसकी मां की तबीयत खराब हुई तो वह उनकी देखभाल के लिए भारत वापस लौट आई। पुलिस के अनुसार, क्योंकि वह पाकिस्तान से वापस आई थी इसलिए उसके दस्तावेजों की जांच की गई और तरह अवैधता का पता चला।
स्थानीय लोग बोले- यह नई सीमा हैदर
नामों के हेरफेर का यह मामला जब स्थानीय मीडिया में आया तो लोगों ने उसे पाकिस्तानी जासूस कहना शुरू कर दिया, लोगों ने उसे सीमा हैदर से जोड़ना शुरू कर दिया। नगमा का कहना है कि वह भारत अपनी मां के इलाज के लिए आई थी लेकिन जब से वह आई है तब से उसे पुलिस स्टेशन के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
बिना दस्तावेजों के कैसे बदल गया नाम, हुआ पूरा खुलासा
वर्तक नगर पुलिस स्टेशन ने जाली दस्तावेजों का उपयोग करके आधार कार्ड बनवाने के लिए नगमा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और उसे 25 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया गया। अगस्त में ही उसे जमानत भी दे दी गई। नगमा का साथ देने वाले दुकानदार पर भी यही धारा लगाकर उसे गिरफ्तार किया गया। उसने पुलिस को बताया कि उसने नगमा की उम्र 1997 से घटाकर 2001 करने के अलावा उसके पसंदीदा नाम पर पैन कार्ड और आधार कार्ड बनाने के लिए 20 हजार रुपए लिए थे। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक दुकानदार ने दस्तावेज के तौर पर स्थानीय पार्षद के साइन किए हुए पत्र का उपयोग किया था।
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