विद्यालयी शिक्षा में भारतीय न्याय संहिता की जानकारी दी जाए
विकासनगर में पछुवादून विकास मंच ने नई शिक्षा नीति के तहत विद्यालयी शिक्षा में भारतीय न्याय संहिता की जानकारी शामिल करने की मांग की। मंच संयोजक अतुल शर्मा ने कहा कि कक्षा नौ के पाठ्यक्रम में इसे शामिल...
विकासनगर, संवाददाता। नई शिक्षा नीति के तहत विद्यालयी शिक्षा में भारतीय न्याय संहिता संबंधी जानकारी शामिल करने की मांग पछुवादून विकास मंच की ओर से की गई है। सोमवार को हरबर्टपुर स्थित कार्यालय पर शिक्षा और संस्कार विषय पर आयोजित संगोष्ठी में मंच संयोजक ने कहा कि विद्यालयी शिक्षा में कानूनों की जानकारी को शामिल किया जाना जरूरी है।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मंच संयोजक अतुल शर्मा ने कहा कि कक्षा नौ के पाठ्यक्रम में भारतीय दंड संहिता को शामिल किया जाना चाहिए। कहा कि कक्षा नौ में पढ़ने वाले बच्चे किशोरावस्था में होते हैं, उन्हें अच्छे बुरे की पहचान नहीं होती। इससे वह कई बार गलत कदम उठा लेते हैं। जबकि कई बार अपराध का शिकार भी हो जाते हैं। बच्चों को अच्छे-बुरे की पहचान और उनमें संस्कार पैदा किए जाने के लिए जरूरी है कि विभिन्न अपराधों से संबंधित दंड और न्याय विधान की जानकारी दी जाए। न्याय संहिता की जानकारी होने से बच्चे अपने आसपास हो रहे अपराध को भी रोकने में मदद करेंगे। इसके साथ ही उन्हें दंड और न्याय की जानकारी होगी तो वह गलत कामों को करने से बचेंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों को बचपन से ही अपने देश के संविधान, विधान की जानकारी होनी जरूरी है। इससे वह भविष्य में संस्कार युक्त जिम्मेदार नागरिक बन सकते हैं। इस दौरान मुकेश राज शर्मा, केएल धीमान, मोहन खत्री, आमोद शर्मा, आलोक खंकरियाल आदि मौजूद रहे।
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