चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर वायुसेना के विमान ने भरी उड़ान
चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर वायुसेना का 11 दिवसीय बहुउद्देशीय अभ्यास मंगलवार से शुरू हुआ। इस दौरान एएन-32 विमान की लैंडिंग और टेकऑफ का परीक्षण किया गया। यह अभ्यास हवाई पट्टी को एडवांस लैंडिंग ग्राउंड के...
सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर मंगलवार से वायुसेना का 11 दिवसीय बहुउद्देशीय अभ्यास शुरू हो गया है। अभ्यास के दौरान वायुसेना ने अपने परिवहन विमान एएन-32 की लैंडिंग और टेकऑफ का परीक्षण शुरू कर दिया है। यह अभ्यास चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी को एडवांस लैंडिंग ग्राउंड के रूप में विकसित करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। जिसके लिए एयरफोर्स पिछले कई सालों से अभ्यास में जुटी है। जनपद की एकमात्र चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी चीन सीमा के बेहद नजदीक है। इस हवाई अड्डे की सामरिक महत्ता को देखते हुए वायुसेना इसे एक महत्वपूर्ण ठिकाने के रूप में भी विकसित करने पर काम कर रही है। इसके चलते यहां समय-समय पर विभिन्न अभ्यास आयोजित किए जाते हैं, जिनमें परिवहन विमानों और हेलीकॉप्टरों की लैंडिंग और टेकऑफ का एयर फोर्स के नए पायलटों को प्रशिक्षण देने के लिए भी किया जाता है। इस अभ्यास में वायुसेना के बहुउद्देशीय परिवहन विमान एएन-32 का विशेष इस्तेमाल किया जा रहा है। मंगलवार को एएन 32 ने चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर दिन में लगभग साढ़े 12 बजे लैंडिंग की और एक बजकर 30 मिनट पर वापस लौट गया। यह अभ्यास चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे की परिचालन क्षमता को मजबूत करने के लिए किया जा रहा है, ताकि भविष्य में किसी भी आपातकालीन स्थिति में त्वरित सैन्य संचालन किया जा सके। वायुसेना के स्क्वाड्रन लीडर मानस सक्सेना ने अभ्यास के दौरान स्थानीय प्रशासन से सुरक्षा और आवश्यक सुविधाओं की भी मांग की है। माना जा रहा है कि वायुसेना का यह अभ्यास चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी के सामरिक महत्व को और बढ़ाएगा। वायुसेना और प्रशासन के बीच समन्वय से इस अभ्यास को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराया जा रहा है। इससे न केवल भारतीय वायुसेना की संचालन क्षमता को सुदृढ़ किया जाएगा, बल्कि देश की सुरक्षा को भी चीन सीमा से सटे इस इलाके में एक नई मजबूती मिलेगी।
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