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Uttarakhand Weather : उत्तराखंड में आफत बन बरस रहे बादल, 3 की मौत, 1 लापता; 132 सड़कें बंद

उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में बारिश से आफत बन कर बरस रही है। शुक्रवार को दो महिलाओं समेत 3 की मौत हो गई है, जबकि एक व्यक्ति लापता बताया जा रहा है। 20 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। पूरे कुमाऊं रीजन में भूस्खलन और मलबा आने से 132 सड़कें बंद पड़ी हैं।

Praveen Sharma नैनीताल। वार्ताSat, 14 Sep 2024 02:42 AM
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उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में बारिश से आफत बन कर बरस रही है। शुक्रवार को दो महिलाओं समेत 3 की मौत हो गई है, जबकि एक व्यक्ति लापता बताया जा रहा है। 20 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। पूरे कुमाऊं रीजन में भूस्खलन और मलबा आने से 132 सड़कें बंद पड़ी हैं।

कुमाऊं मंडल में पिछले तीन दिन से तेज बरसात हो रही है। शुक्रवार को कई जगहों से नुकसान की सूचना मिली। चंपावत जिले के लोहाघाट में दो महिलाओं की मलबे में दबने से मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति लापता बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, ढोरजा गांव में तेज बारिश के चलते गौशाला क्षतिग्रस्त हो गई, जिससे गौशाला में काम कर रही माधवी देवी पत्नी पीताम्बर भट्ट की मलबे में दबने से मौत हो गई।

इसी प्रकार लोहाघाट के रौसाल क्षेत्र के मटियानी में भी दो मकान क्षतिग्रस्त हो गई, जिससे चार लोग मलबा में दब गए थे। दो बच्चों समेत तीन लोगों को मलबे से निकाल लिया गया, लेकिन एक महिला शांति देवी की मौत हो गई, जबकि भूस्खलन की चपेट में आए जगदीश सिंह लापता बताया जा रहा है।

इसी के साथ ही लोहाघाट क्षेत्र में 11 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जिला प्रशासन की ओर से राजस्व निरीक्षकों को मौके पर जाकर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।

जिले में मलबा आने से 39 सड़कें पूरी तरह से बंद हैं। टनकपुर-पिथौरागढ़ नेशनल हाईवे भी कई जगह मलबा आने से बंद हो गया है। बनबसा क्षेत्र में जल भराव की स्थिति पैदा हो गई। एसडीआरएफ की टीम मौके पर नजर बनाए हुए है। पूर्णागिरी तहसील में 25 लोगों को रिलीफ कैंप में रखा गया है।

चंपावत जिला प्रशासन किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह से अलर्ट पर है। चंपावत जिला मुख्यालय में एहतियात के तौर 50 बेड का एक रिलीफ कैंप बनाया गया है।

पिथौरागढ़ जिले में भी पिछले तीन दिन से लगातार तेज बारिश हो रही है। जिला प्रशासन से मिली खबर के अनुसार बेरीनाग तहसील के मनगढ़ पटवारी क्षेत्र में तेज बरसात से छह मकान और एक पंचायत घर क्षतिग्रस्त हो गए। यहां जान-माल का नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है।

जिलाधिकारी विनोद गिरी गोस्वामी और पुलिस अधीक्षक (एसपी) रेखा यादव ने प्रभावित गांवों का दौरा किया और पीड़ितों को तत्काल राहत पहुंचाई। साथ ही पीड़ितों को राहत राशि भी वितरित की गई। जिले में 30 सड़कें बंद बताई जा रही हैं।

इनमें तवाघाट-धारचूला बॉर्डर मार्ग के अलावा पिथौरागढ़ से मैदान को जोड़ने वाला पिथौरागढ़-टनकपुर नेशनल हाईवे भी शामिल है। जिले में तीन मुख्य राज्य मार्ग भी भूस्खलन के चलते बंद हैं।

अल्मोड़ा जिले में भी एक व्यक्ति के बरसाती नाले में बहने से मौत हो गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह घटना अल्मोड़ा तहसील के थिकलना गांव की है। यहां बुजुर्ग व्यक्ति दान सिंह बरसाती नाला पार करते वक्त बह गया जिससे उसकी मौत हो गई।

नैनीताल जिले में भी बरसात आफत बनकर बरसी है। यहां 57 सड़कें बंद हैं। भवाली-अल्मोड़ा नेशनल हाईवे को सुरक्षा के लिहाज से 14 सितंबर तक यातायात के लिए पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है।

उपजिलाधिकारी कैंची धाम विपिन पंत के अनुसार, इस दौरान वाहनों को भवाली-रामगढ़ वैकल्पिक मार्ग से अपने गंतव्य के लिए भेजा जाएगा। इसके अलावा धारी तहसील में तीन आवासीय मकान क्षतिग्रस्त होने की सूचना है। भुमका गांव में मलबा आने से दो मकानों को खतरा उत्पन्न हो गया है। प्रशासन ने दो परिवारों को यहां से हटा दिया है और सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है।

जिले में सबसे अधिक 57 सड़कें बंद हैं। रामनगर, धनगढी, चोरगलिया, शेरनाला और सूर्यानाला उफान पर हैं। जिसके चलते यहां यातायात बाधित हो गया है।

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