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Uttarakhand Weather : उत्तराखंड में तपते पहाड़ों के लिए राहतभरी खबर, IMD ने बताई मॉनसून आगमन की डेट

उत्तराखंड में मॉनसून 23-24 जून को दस्तक दे सकता है। मौसम निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह ने बताया कि 18 जून से प्री-मॉनसून का दौर चलेगा। इस दौरान प्रदेश में हल्की बारिश हो सकती है।

Praveen Sharma देहरादून। हिन्दुस्तान, Fri, 14 June 2024 08:21 AM
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उत्तराखंड में मॉनसून 23-24 जून को दस्तक दे सकता है। गुरुवार को ये जानकारी देते हुए मौसम निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह ने बताया कि 18 जून से प्री-मॉनसून का दौर चलेगा। इस दौरान प्रदेश में हल्की बारिश हो सकती है। लेकिन,इससे पूर्व मैदानी इलाकों में 14, 15 व 16 जून को गर्मी से राहत के आसार नहीं हैं।

मौसम विभाग के अनुसार, 15 और 16 जून को प्रदेश के कुछ पहाड़ी क्षेत्रों में हल्की बारिश हो सकती है। 17 को प्रदेशभर में बारिश के आसार हैं। इस दौरान 40 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से आंधी भी चल सकती है।

इस बीच, उत्तराखंड में मैदानी क्षेत्रों के साथ-साथ पर्वतीय इलाकों भी गर्मी से तप रहे हैं। आसमान से धूप के रूप में बरस रही आग और लू के थपेड़ों ने लोगों को बेहाल कर रखा है। गुरुवार को उत्तराखंड में कई स्थानों पर तापमान सामान्य से सात डिग्री ज्यादा दर्ज किया गया। मौसम विभाग के मुताबिक, गुरुवार को रुड़की में सर्वाधिक 43.5, देहरादून में 42.4 और पंतनगर में तापमान 41 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि, मुक्तेश्वर में 31, टिहरी में 31.6, मसूरी में 29.9 और नैनीताल में अधिकतम तापमान 36.8 डिग्री तक रहा। दून में गुरुवार को जून के महीने में 30 साल बाद सर्वाधिक तापमान दर्ज किया गया।

गर्म हवाओं से तपा दून, दोपहर में बाहर निकलना मुश्किल

देहरादून में गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया। दिन में लू के थपेड़ों के चलते घरों-प्रतिष्ठानों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया। गुरुवार को अधिकतम तापमान सामान्य से सात डिग्री सेल्सियस ज्यादा 42.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

जून माह में तीस सालों में दूसरी बार तापमान इतना पहुंचा है। इससे पहले जून 2012 में 42.1 तापमान दर्ज किया गया था। मौसम विभाग के मुताबिक 16 जून 1995 को 43.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था, वहीं ऑल टाइम रिकार्ड चार जून 1902 को 43.9 डिग्री सेल्सियस है। दो दिन पूर्व ही जून में 11 साल की गर्मी का रिकार्ड टूटा था।

दोपहर में सड़कें सूनीं : दून में गुरुवार को सुबह सात बजे से ही चिलचिलाती धूप निकली। दिन में लोग धूप में निकलने की हिम्मत नहीं कर पाए। दोपहर में दून भट्टी जैसा तप गया। दोपहर 12 बजे से चार बजे तक कई इलाकों में सड़कें सूनी नजर आई। दोपहिया सवार और पैदल चलने वालों को लू के थपेड़ों ने बेहाल कर दिया।

गर्मी में डायरिया के मरीज बढ़े

गर्मी बढ़ने के साथ लोगों के पेट खराब, दर्द, अपच, गैस की शिकायतें बढ़ी है। डिहाइड्रेशन एवं डायरिया की सबसे ज्यादा शिकायतें हैं। इनके अस्पतालों में मरीज 20 फीसदी तक बढ़े हैं। दून अस्पताल के फिजिशियन डॉ. कुमार जी कौल का कहना है कि डिहाइड्रेशन से बचने के लिए धूप में कम से कम बाहर निकलें। छाता या गमछे का प्रयोग करें। तरल पदार्थ और ताजे फल व सब्जी का सेवन करें। ओआरएस का घोल और पानी पीते रहें। कटे व खराब फलों, बासी खाने का सेवन न करें।

अस्पतालों में फिर अलर्ट

सीएमओ डॉ. संजय जैन के अनुसार, खूब पानी पीने, बासी खाना न खाने समेत अन्य एहतियात बरतने की जरूरत है। इसके अलावा अस्पतालों में बेड आरक्षित रखने एवं ओआरएस, ग्लूकोज पर्याप्त मात्रा में रखने को कहा गया है।

धूप से आंखों में लाली और त्वचा की समस्या हो रही

गर्मी से आंखों में जलन, लालिमा हो रही है और स्किन में सन बर्न की शिकायत मिल रही है। स्किन स्पेशलिस्ट डॉ. अनिल आर्य और डॉ. सादिक उमर ने बताया कि तेज धूप और गर्म हवाओं से त्वचा की ऊपरी परत जल जाती है। जलन, खुजली, सफेद और लाल चकत्ते के साथ सोरायसिस हो जाता है। स्किन बर्न, घमोरियां, दाने पड़ने के काफी मरीज हैं। पूरे शरीर को कवर कर बाहर निकलें। अच्छा बॉडी लॉशन या सन स्क्रीन लगाकर निकलें। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. शांति पांडेय ने बताया कि गर्मी से आंखों में सूखापन, लालिमा की समस्या बढ़ी है।

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