गजब हाल: राज्य के ‘शिक्षक’ यूपी-बिहार में कर रहे हैं ‘नौकरी’
सदन में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति के सवाल पर गुरुवार को सरकार घिर गई। शिक्षकों की कमी से जूझ रहे राज्य के कई शिक्षक यूपी, बिहार में लंबे समय से नौकरी कर रहे हैं। खुद उत्तराखंड सरकार ने विधानसभा में...
सदन में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति के सवाल पर गुरुवार को सरकार घिर गई। शिक्षकों की कमी से जूझ रहे राज्य के कई शिक्षक यूपी, बिहार में लंबे समय से नौकरी कर रहे हैं। खुद उत्तराखंड सरकार ने विधानसभा में यह जानकारी दी है। सत्ता पक्ष के विधायकों ने सवाल उठाते हुए इन सभी शिक्षकों को वापस बुलाने की मांग की। प्रश्नकाल के दौरान विधायक देशराज कर्णवाल ने ये सवाल उठाया। उनके सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने प्रतिनियुक्ति पर तैनात शिक्षकों का विवरण दिया। बताया गया कि 14 शिक्षक उत्तर प्रदेश में तैनात हैं, जबकि एक शिक्षक बिहार में प्रतिनियुक्ति पर तैनात हैं। यह मामला सामने आते ही भौंचक्के विधायकों ने विधानसभा में सरकार की घेराबंदी कर दी। सत्ता पक्ष के विधायक दिलीप रावत ने आरोप लगाया कि राजनैतिक रसूख वाले शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर मौज कर रहे हैं। उत्तराखंड के स्कूलों में परिणाम शून्य आ रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग निगरानी तक नहीं कर पा रहा है। शिक्षा मंत्री ने यह कहकर बचाव किया कि मौजूदा सरकार के समय एक भी शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर नहीं गया है। प्रतिनियुक्ति खत्म कर इन शिक्षकों को वापस बुलाया भी जा रहा है।
इनके नाम भी कर दिए गए गायब
सदन में रखी गई जानकारी में भी सरकार ने कई रसूखदार शिक्षकों के नाम तक जाहिर नहीं किए। इसमें कर्मकार सन्निकार बोर्ड में कार्यरत दमयंती रावत का नाम भी शामिल है। दमयंती बीते आठ साल से बिना एनओसी प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं। दूसरा, खुद शिक्षा मंत्री के निर्देश पर देहरादून स्थित शिक्षा निदेशालय में बनाए गए शिकायत एवं सुझाव प्रकोष्ठ में पांच शिक्षक अटैच हैं। जबकि यह प्रकोष्ठ अब तक अपनी उपयोगिता साबित नहीं कर पाया है।
देशराज ने कहा, मेरी सिफारिश तो ठुकरा दी थी
देहरादून। शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति पर चिंता जता रहे विधायक देशराज कर्णवाल इस दौरान खुद अपनी फजीहत करा गए। देशराज ने कहा कि वो भी शिक्षा मंत्री के पास प्रतिनियुक्ति की एक सिफारिश लेकर गए थे, लेकिन तब मंत्रीजी ने साफ मना कर दिया था। अब इतनी प्रतिनियुक्ति कहां से आ रही हैं। देशराज यहां तक कह गए कि बेहतर होता कि मंत्री ऐसे मामलों में सभी विधायकों से सुझाव लेकर उन पर अमल करते। इस पर चर्चा के दौरान हल्के मूड में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने उनसे पूछ लिया कि क्या वो अपनी पत्नी की प्रतिनियुक्ति की सिफारिश कर रहे हैं। इस पर देशराज ने सदन में ही इस बात से साफ इनकार कर दिया।
सदन को सौंपी लिस्ट में भी अधूरी जानकारी
विधानसभा को दिए गए लिखित जवाब में भी प्रतिनियुक्ति पर आए शिक्षकों का पूरा विवरण नहीं होने पर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय को विधायकों के सवालों का सामना करना पड़ गया। विधायक देशराज कर्णवाल ने मदरसा बोर्ड में कार्यरत शिक्षक नसीरुद्दीन का नाम इस लिस्ट में नहीं होने पर सवाल उठाया। विधायक मनोज रावत ने भी पूरे नाम नहीं होने पर सवाल किए।
मंत्री निर्देश ही देते हैं कार्रवाई नहीं करते
शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति मामले में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय खुद सवालों के घेरे में है। दरअसल, वो प्रतिनियुक्तियां निरस्त करने के निर्देश देते आ रहे हैं, लेकिन उनके निर्देशों की हकीकत अब सदन में भी खुलकर सामने आ गई है। इन प्रतिनियुक्तियों पर सवाल इसलिए भी उठ रहा है, क्योंकि शिक्षक कई साल से प्रतिनियुक्ति पर हैं। नियमों के अनुसार, प्रतिनियुक्ति केवल तीन साल और उसके बाद अधिकतम दो साल तक मान्य होती है। मगर, इन शिक्षकों में लगभग सभी पांच साल का समय, कई साल पहले ही पूरा कर चुके हैं। खुद शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने भी इस बात को स्वीकारा है। प्रतिनियुक्तियों पर रोक के निर्देशों के बावजूद कुछ समय पहले ही संस्कृत शिक्षा निदेशालय और मदरसा बोर्ड में भी गुपचुप ढंग से शिक्षक एडजस्ट किए गए। गुरुवार को झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल ने जब शिक्षा मंत्री से पूछा कि क्या सरकार प्रतिनियुक्तियां समाप्त करने पर विचार कर रही है? तो शिक्षा मंत्री का जवाब था कि वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव ही विचाराधीन नहीं है।
राज्य से बाहर तैनाती
हरीश चंद्र, कौसानी से एसएसए समन्वयक संतकबीर नगर (यूपी) - सत्येंद्र कुमार मिश्रा, ब्जयूला बागेश्वर से समन्वयक सहभागिता सीतापुर (यूपी) - पंकज कुमार वशिष्ठ, कल्जीखाल पौड़ी से बीएसए ऑफिस मुजफ्फरनगर (यूपी) - शरद सिंह, साकिनखेत पौड़ी से बीएसए ऑफिस, प्रतापगढ़ (यूपी) - डॉ. विनोद कुमार मिश्रा बाड़ाडांडा पौड़ी से एसएसए समन्वयक प्रयागराज (यूपी) - शंकर सुवन, चौंरीखाल पौड़ी से एसएसए समन्वयक प्रतापगढ़ (यूपी) - विनोद कुमार, सिप्टी चम्पावत से एसएसए समन्वयक गौंडा (यूपी) - अनिल कुमार तिवारी, बिनवालगांव चम्पावत से एसएसए समन्वयक रायबरेली (यूपी) - सुरेश कुमार, चौमूधार अल्मोड़ा से एसएसए समंवयक हरदोई (यूपी) - जगन्नाथ पांडे, जीआईसी भीमताल से जिला ओबीसी कल्याण अधिकारी पीलीभीत (यूपी) - संतोष कुमार सिंह, फाटा रुद्रप्रयाग से एसएसए समन्वयक चंदौली (यूपी) - सत्यनारायण कटियार, जाखणीधार टिहरी से रमसा रमाबाई नगर (यूपी) - रामचंद्र चौहान, गौमुख टिहरी से एसएसए समन्वयक आजमगढ़ (यूपी) - सुनील कुमार श्रीवास्तव कलोगी उत्तरकाशी से एसएसए यूपी - रितेश वर्मा, घिंडवाड़ा पौड़ी से जिला समन्वयक नेहरू युवा केंद्र भागलपुर (बिहार)।
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