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उत्तराखंड चार धाम यात्रा 2023: गंगोत्री धाम में अब ऐसे होंगे ‘मां गंगा’ के दर्शन, बना यह खास प्लान

उत्तराखंड चार धाम यात्रा 2023 के शुभारंभ होने के साथ ही देश-विदेश से तीर्थ यात्री भारी संख्या में धामों में दर्शन को जा रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर, यूपी, एमपी सहित विभिन्न राज्यों से यात्री पहुंच रहे।

Himanshu Kumar Lall उत्तरकाशी, सुरेन्द्र नौटियाल, Thu, 27 April 2023 01:10 PM
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उत्तराखंड चार धाम यात्रा 2023 के शुभारंभ होने के साथ ही देश-विदेश से तीर्थ यात्री भारी संख्या में धामों में दर्शन को जा रहे हैं। गुजरात, दिल्ली-एनसीआर, यूपी, एमपी सहित देश के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। लेकिन, इस बार की चार धाम यात्रा कुछ विशेष होने वाली है। गंगोत्री धाम में मां गंगा दर्शन को अब नया प्लान बनाया है। विदित हो कि गंगोत्री-यमुनोत्री धामों के कपाट 22 अप्रैल को खुल गए थे।

केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल, जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट आज 27 अप्रैल को दर्शनार्थ खोले गए हैं।  विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम में गंगा सप्तमी अर्थात मां गंगा का जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जायेगा। इस पर्व पर श्री पांच मंदिर समिति की ओर जहां मां गंगा की निर्वाण मूर्ति के महाभिषेक के बाद उसका भव्य शृंगार किया जायेगा।

वहीं मंदिर में भव्य गंगा आरती, गंगा लहरी और गंगा सहखनाम पाठ कर मां गंगा की विशेष पूजा अर्चना करेंगे। जिसके बाद देश विदेश के श्रद्धालु लक्ष्मी पूजन तक गंगोत्री धाम में मां गंगा के श्रृंगार रूप के दर्शन होंगे।गुरूवार 27 अप्रैल को विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम में गंगा सप्तमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जायेगा।

पौराणिक मान्यता है कि इसी दिन मां गंगा का जन्म हुआ था। जिसको भव्य स्वरूप देने के लिए श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। समिति की ओर से तय कार्यक्रम के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त पर प्रात 05 सात बजे से श्रीसूक्त पाठ के साथ मां गंगा की निर्वाण मूर्ति का दुग्धाभिषेक जलाभिषेक किया जायेगा।

इसके बाद 9 बजे तक मां गंगा का भव्य श्रृंगार, राजभोग अर्पित कर गंगा स्तुति, विष्णु सहस्रनाम का पाठ होगा। वहीं दस बजे से गंगा धारा पूजन हेतु भव्य गंगा शोभा यात्रा निकाली जायेगी। सैकड़ो श्रद्धालुओं शामिल होंगे। इसके साथ ही सांयकाल में मंदिर समिति की ओर से गंगोत्री धाम में नए भवन में अन्न क्षेत्र का शुभारंभ भी किया जायेगा।

दूसरी ओर मां गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव में स्थित गंगा मंदिर में भी गंगा सप्तमी पर विशेष पूजा अर्चना व विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे। गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष हरीश सेमवाल ने बताया कि गुरूवार सुबह 04 से 9 बजे तक मां गंगा की निर्वाण मूर्ति को संपूर्ण आभूषण पहनाए जायेंगे। इसके बाद लक्ष्मी पूजन अर्थात कपाट बंद होने तक देश विदेश से आने वाले श्रद्धालु पूर्ण श्रृगांर रूप में मां गंगा के गंगोत्री धाम में करेंगे।

क्या है गंगा सप्तमी:  श्रद्धालु गंगोत्री धाम में मां गंगा श्रृंगार दर्शन कर सकेंगे। गंगा सप्तमी वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को कहा जाता है। पौराणिक धर्मग्रंथों और हिन्दू मान्यताओं के अनुसार वैशाख मास की इस तिथि को ही माँ गंगा स्वर्ग लोक से शिव की जटाओं में पहुँची थी इसलिए इस दिन को ह्यगंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है।

तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट खुले
पंचकेदारों में तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार साथ तीर्थयात्रियों के लिए खोल दिए गए हैं। ग्रीष्मकाल में छह माह तुंगनाथ धाम में ही भगवान के दर्शन होंगे। बुधवार को सुबह 7 बजे पुजारी एवं वेदपाठियों ने पर्यटक स्थल चोपता में भगवान तुंगनाथ की विशेष पूजा की। यहां भक्तों ने भगवान तुंगनाथ की डोली के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। भक्तों के पौराणिक जागर एवं जयकारों के साथ ही स्थानीय वाद्य यंत्रों की मधुर धुनों के साथ ठीक नौ भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने धाम के लिए रवाना हुई।

भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली पौने 11 बजे अपने धाम पहुंची। इस दौरान तुंगनाथ धाम में भक्तों के जयकारों से गुंजायमान हो उठा। जिसके बाद बदरी-केदार मंदिर समिति, प्रशासन एवं हक हकूकधारियों की मौजदूगी में 11.50 बजे भगवान तुंगनाथ के कपाट खोले गए। कपाट खुलने के बाद मठापति रामप्रसाद मैठाणी के नेतृत्व वेदपाठियों ने भगवान तुंगनाथ के स्वयंभू लिंग का अभिषेक, पूजा अर्चना की।

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