स्कूल के मुताबिक शिक्षकों की सेवा में भी होगा बदलाव
सरकारी स्कूलों के कोटिकरण को अंतिम रूप देने के साथ शिक्षकों की सुगम-दुर्गम सेवाओं की गणना भी शुरू हो गई है। स्कूल के कोटिकरण के साथ शिक्षकों की सुगम-दुर्गम की सेवाएं भी बदलेंगी। तबादला एक्ट के टाइम...
सरकारी स्कूलों के कोटिकरण को अंतिम रूप देने के साथ शिक्षकों की सुगम-दुर्गम सेवाओं की गणना भी शुरू हो गई है। स्कूल के कोटिकरण के साथ शिक्षकों की सुगम-दुर्गम की सेवाएं भी बदलेंगी। तबादला एक्ट के टाइम टेबल से काफी पीछे चलने से शिक्षा विभाग यह प्रक्रिया जल्द पूरी कर लेना चाहता है। सरकार के नए फार्मूले के तहत हो रहे कोटिकरण में अब तक बेसिक, जूनियर और माध्यमिक स्तर के 28 सौ से ज्यादा स्कूल आ चुके हैं। कभी सुगम में रहे इन स्कूलों को पूर्ण दुर्गम मानते हुए सेवाओं की गणना होनी है। इन स्कूलों में सेवा कर चुके और वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों की संपूर्ण सेवाओं को दुर्गम की सेवा माना जाएगा। इसे लेकर शिक्षकों का भी विरोध नहीं दिख रहा है। उधर शिक्षा निदेशालय में सोमवार को भी कोटिकरण को लेकर काफी गहमागहमी रही। शिक्षा निदेशक आरके कुंवर के अनुसार, कोटिकरण को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके बाद इसे फाइनल रूप देने के लिए हर जिले को इसकी कापी दी जाएगी।
टाइम टेबल में मांगेंगे रियायत
सूत्रों के अनुसार शिक्षा विभाग सरकार से तबादला टाइम टेबल में कुछ रियायत मांगने की तैयारी कर रहा है। शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने इसकी पुष्टि की। बीते दो साल से तबादले न होने से शिक्षक काफी नाराज भी हैं। तबादलों के लिहाज से शिक्षा विभाग सबसे संवेदनशील माना जाता है। इस वजह से विभाग कोटिकरण, सेवा गणना समेत किसी भी स्तर चूक नहीं करना चाहता।
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